Chittorgarh: चित्तौड़गढ़ में 15 दिनों से लंपी महामारी का प्रकोप ज्यादा ही बढ़ा हुआ है. जिले में लंपी वायरस की इस महामारी से निपटने के लिए लंपी वारियर्स इस महामारी से निपटने का काम कर रहें हैं. बता दें कि जिले के कुछ गौरक्षक युवाओं और भादसोड़ा में संचालित श्री कृष्ण आदिनाथ गौशाला कि ओर से न केवल गौशाला की गायों बल्कि, आसपास गांवों के वह स्थान जहां गौ माता निराश्रित अवस्था में है, उनके लिए सम्पूर्ण चिकित्सा की व्यवस्था नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें: Adhar Devi Temple: 51 शक्तिपीठों में शामिल है माउंट आबू का यह मंदिर, गुप्त रूप में होती है माता की पूजा


इस अभियान के तहत 3 हजार सात सौ गायों के लिए 50 गांवों के गौ सेवकों ने मिलकर इस लंपी महामारी से गौ माता को बचाया है. इस महामारी के जिले में आने से पहले ही पशुपालन विभाग के डॉक्टर संजय रावत के दिशा-निर्देश में 1100 गायों का टीकाकरण और श्री कृष्ण आदिनाथ गौशाला के चिकित्सकों और टीम के जरिए किया गया है. वहीं लंपी  से निपटने के लिए कुछ अन्य उपाय जिनमें आयुर्वेदिक हर्बल स्प्रे से लंपी की रोकथाम करना, लंपी से ग्रसित गायों को एलोपैथिक दवा का वितरण कर उन्हें निमोनिया, बुखार और सूजन से निजात दिलाना, कमजोर गौ वंश की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए देशी गाय के घी से निर्मित आयुर्वेदिक लड्डू तैयार कर गायों को खिलाना, चारा त्याग देने पर गौ वंश के लिए चूर्ण तैयार कर उन्हें खिलाना साथ ही घायल और बीमार गायों के घावों के उपचार हेतु मलहम तैयार कर बीमार गायों को उपचारित करना, महामारी वाले क्षेत्र में दवाईयां एवं इंजेक्शन पहुंचाया जा रहा है.


गौशाला के पीयुष सोनी ने बताया कि लंपी से निपटने के लिए पन्द्रह दिनों से गौशाला में ही एक कैंप के रूप में सेवाएं दी जा रही हैं, जो आगे भी इस महामारी के खत्म न हो जाने तक चलता रहेगा. इसके तहत 4500 लड्डू, 6000 लीटर स्प्रे और 3000 दवा किट वितरण किए गए हैं, अभी हो रहें चारा संकट में आकोला गांव में स्थित गौशाला को 50 क्विंटल भूसा संस्थान ने पहुंचाया है. इस कार्य में हसन अली बोहरा, गौशाला कमेटी के विक्की छीपा, मोहन गाडरी कन्हैयालाल लक्षकार और गांव के नव युवक दान दाताओं के सहयोग से इस कार्य को किया जा रहा है.


Reporter: Deepak Vyas


Rajasthan CM : सचिन पायलट से नाराजगी का सवाल नहीं, राहुल गांधी के लिए हम जान दे सकते हैं - प्रताप सिंह खाचरियावस


यह भी पढे़ं- बांसवाड़ा में कुत्ते का आतंक, महिला को किया लहूलुहान