रावतभाटा में गर्मी के मौसम में प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा
एक ऐसा पक्षी, जो जीवन में सिर्फ एक बार जीवनसाथी चुनता है. पक्षियों के जोड़ें में से कोई एक मर जाए तो दूसरा ताउम्र अकेले जीवन बिताता है. हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के स्टेट बर्ड दूधराज की. जो इन दिनों रावतभाटा में प्रवासी पक्षी के तौर पर अभ्यारण में दिखाई दे रहा है.
Chittorgarh: एक ऐसा पक्षी, जो जीवन में सिर्फ एक बार जीवनसाथी चुनता है. पक्षियों के जोड़ें में से कोई एक मर जाए तो दूसरा ताउम्र अकेले जीवन बिताता है. हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के स्टेट बर्ड दूधराज की. जो इन दिनों रावतभाटा में प्रवासी पक्षी के तौर पर अभ्यारण में दिखाई दे रहा है.
रावतभाटा में गर्मी के मौसम के दिनों में प्रवासी पक्षी के रूप में एशियन पैराडाइज फ्लाईकैचर को कैमरे में कैद किया गया है. एशियन पैराडाइज फ्लाईकैचर को हिंदी में दुधराज कहा जाता है. जिसे मध्य प्रदेश का स्टेट बर्ड होने का दर्जा मिला हुआ हैं. वाइल्ड लाइफ रिसर्चर भानू प्रताप सिंह ने भैंसरोडगढ़ वन्यजीव अभ्यारण के पड़ाझर झरने के पास इस शर्मीले स्वभाव के पक्षी को अपने कैमरे में कैद किया हैं.
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पिछले तीन सालों से मुकुंदरा के जंगलों में वाइल्ड लाइफ पर रिसर्च कर रहे भानू प्रताप सिंह ने कोटा यूनिवर्सिटी से वाइल्ड लाइफ में एमएससी किया है. वे बताते हैं कि दूधराज पक्षी की विशेषता होती है कि ये पूरे जीवनकाल में एक बार ही अपना जीवनसाथी चुनता है.
किसी कारण से इनमें से किसी एक की मौत हो जाए तो दूसरा नर या मादा तमाम उम्र अकेले रहकर ही जीवन बिताते है.
रिसर्चर भानू प्रताप बताते है कि एशियन पैराडाइज फ्लाईकैचर गर्मी के मौसम में प्रवासी पक्षी के तौर पर रावतभाटा और इसके आसपास के जंगलों में आते है. जिसे समर माइग्रेंट कहा जाता है. यह अप्रैल अंत से जुलाई प्रारंभ तक अपनी ब्रीडिग करते है. प्रवास के दौरान 3 से 4 अंडे देते हैं, और 22 से 25 दिन तक उन्हें सहते हैं. फिलहाल रावतभाटा में सफेद और लाल भूरे मार्फ वाले दूधराज देखे गए हैं. जिसे भानू प्रताप ने अपने कैमरे में कैद किया है.
Reporter: Deepak Vyas
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