Kapasan: चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं क्षेत्र में चमत्कारिक देवी जोगणिया माता का मंदिर है. मंदिर में माता सभी भक्तों की मन्नतें पूरी करती है. नवरात्रि महोत्सव पर जोगणिया माता के मंदिर में एक अपराधी जेल से रिहा होकर आया और मंदिर में लोहे से बना जेल का स्ट्रक्चर और हथकड़ी चुपचाप भेंट कर गया. वहीं, पूजा-अर्चना कर आगे कोई अपराध नहीं करने का संकल्प लिया. 


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मंदिर में अपराधी द्वारा भेंट किया जेल का स्ट्रक्चर और हथकड़ी पूरी तरह सुरक्षित है यानी अपराधी जेल और हथकड़ी तौड़कर नहीं आया. जेल से सजा काटकर या रिहा होकर आया. मन्नत जेल तोड़कर या हथकड़ी तौड़कर भागने की होती तो यह दोनों टूटे हुए चढ़ते. 6 महीने पहले नवरात्रि पर जोगणिया माता मंदिर में अज्ञात अपराधी टूटी हुई जेल भेंट कर गया, जिसका कोई पता नहीं चला. 


मंदिर में मन्नत पूरी होने पर लच्छा, धागा और चूड़ी, पाटले तो चढ़ाएं जाते ही हैं, लेकिन जोगणिया माता मंदिर में अपराधियों की मन्नतें पूरी होने पर हथकड़ी चढ़ाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. घने विरान जंगल में स्थित मंदिर में पहले चोर डाकू शरण लेते थे. पशु बलि और शराब भी चढ़ाई जाती. मंदिर में पुरानी चढ़ाई हथकड़ियां आज भी मौजूद हैं. 


बता दें कि जोगणिया माता में 1974 से पशु बलि और शराब चढ़ाना बंद किया गया. हिंसक समाज को अहिंसा की राह के लिए आंदोलन हुआ. पशु बलि बंद कराने में कई बार संघर्ष हुए. जैन साध्वी यशकंवरजी, जोगणियां माता संस्थान के अध्यक्ष भंवरलाल जोशी, मास्टर रामचंद्र शर्मा,छोटू लाल बिल्लू , प्यार चंद बोहरा आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा. पशु बलि निषेध के बाद यह स्थल जन आस्था का केंद्र बना. 


Reporter- Deepak Vyas 


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