Kapasan: सावन माह पर पार्थिव शिवलिंग पूजन से मनोकामना पूर्ण होती है. यही कारण है कि प्रत्येक शिव भक्त अपनी-अपनी कामनाओं के अनुसार सावन महीने में  अलग-अलग प्रकार के धातु के बने शिवलिंग का अभिषेक और पूजन करता है.  


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वहीं, मान्यता है कि पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने पर शिव के भक्त की सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती है इसीलिए सावन माह पर महादेव से वरदान दिलाने वाली पार्थिव शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा-अभिषेक किया जा रहा है.


कस्बे के झाड़ेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में श्री चिंतामणि पार्थिवेश्वर पूजन सुबह 9 बजे से 1 बजे तकमृतिका से शिवलिंग निर्माण किया गया और 4 बजे से 6 बजे तक पार्थिवेश्वर पूजन अभिषेक किया गया. 


बुधवार को चिंतामणि पार्थिवेश्वर में कच्छप आकृति का निर्माण किया गया, जिसे करने से जीवन मे स्थायित्व को प्राप्त करते हैं. कुंडली में बुध ग्रह की शांति होती है. आचार्य हितेश शर्मा, अलख वेद गुरुकुल ब्रह्माजी अनिल शर्मा, पंडित रविंद्र आदि वैदिक-विद्वानों द्वारा पूजन किया गया. इसी तरह सातों दिन अलग-अलग तरह की पूजा की जाएगी.  


अलेख वेद गुरुकुल के पीठाधीश्वर पंडित डॉ. हितेश शर्मा ने बताया कि सनातन परंपरा में भगवान शिव की जितने भी प्रकार से पूजा की विधियां बताई गई हैं. उनमें पार्थिव पूजा का अत्यधिक महत्व है. शिव महापुराण में भगवान शिव की साधना-आराधना में पार्थिव (मिट्टी) शिवलिंग पूजन को सभी मनोकामनाओं को शीघ्र पूरा करने वाला बताया गया है. 


Reporter- Deepak Vyas


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