Churu News: इंसान को अगर शिक्षा हासिल करने की ललक हो तो उसमें उम्र की कोई सीमा आड़े नहीं आती. राज्य सरकार द्वारा चलाई गई इंदिरा गांधी शहरी नरेगा योजना में कार्य करने वाले 130 श्रमिकों में अधिकतर श्रमिक अशिक्षित है, जिनके मन के मेट लालचंद गहलोत ने शिक्षा की अलख जगाने का प्रयास शुरू कर दिया है. 


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श्रमिकों की पढ़ाई शुरू
मेट गहलोत का कहना है कि नरेगा में कार्य करने वाले श्रमिक अशिक्षित होने के कारण अपना नाम लिखना भी नहीं जानते, जिसके चलते इनके सामने कई तरह की परेशानियां आती है. श्रमिकों को दोपहर में खाना खाने के लिए एक घंटे का लंच समय मिलता है, जिसमें 10/15 मिनट खाना खाने में लग जाता है और उसके बाद के समय में इनको पढ़ाई कराई जा रही है. छोटा-सा प्रयास शिक्षा को लेकर श्रमिकों को शिक्षित करने का शुरू किया गया है, जिसमें कई लोगों ने समर्थन किया है.


नरेगा में कार्य के साथ शिक्षा
नरेगा में कार्य करने वाली 55 वर्षीय महिला श्रमिक का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह महत्वकांक्षी इंदिरा गांधी शहरी नरेगा योजना शहरों में शुरू कर शहरी क्षेत्र के गरीब परिवारों के लिए रोजगार देकर राहत प्रदान की है. इसके साथ ही कांग्रेस नगर अध्यक्ष जेठाराम यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने हर वर्ग और हर तबके को मुख्यधारा में लाने के लिए कल्याणकारी योजनाएं संचालित की है. 


प्रदेश के हर वर्ग का भला हो
यादव ने कहा कि कोरोना काल के दौरान महात्मा गांधी नरेगा येाजना से गरीब तबके को बहुत संबल मिला है. इसी कड़ी में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना लागू कर बड़ी राहत दी है. इससे शहर में रहने वाले लोगों को शहर में रोजगार उलब्ध हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश के हर वर्ग का भला हो. इसके लिए जनहित में निर्णय लेकर उनकी क्रियान्विती सुनिश्चित की जा रही है.


नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी ने लिया कार्य का जायजा
इस दौरान हिमांशु अग्रवाल ने शहर में चल रही नरेगा योजना कार्य का निरीक्षण किया. इस दौरान अग्रवाल ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के कार्य से शहर का सौंदर्य करण और बढ़ रहा है. इन स्थानों पर पहले कूड़ा कचरा हुआ करता था, अब यहां पर अच्छी साफ-सफाई करवाकर बरसाती पानी इकट्ठा करने का तल बनाया जा रहा है. साथ ही यहां पर कार्य करने वाले श्रमिकों में नवाचार देखने को मिला है. 


नरेगा में कार्य भी और पढ़ाई भी
श्रमिक अपने कार्य के समय जो लंच का समय मिलता है, जिसमें खाना-पीना करने के बाद पढ़ाई करने की इच्छा जागी वो सराहनीय है. "नरेगा में कार्य भी और पढ़ाई भी", हमारा भी यह प्रयास रहेगा कि श्रमिक यहां से कार्य के साथ पढ़ लिख कर शिक्षित होकर जाए, जिससे श्रमिकों को कई विभागों में होने वाली परेशानी दूर हो सके.


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श्रमिकों ने जताया आभार
सामाजिक कार्यकर्ता विनोद पंसारी ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सपना है कि प्रदेश में कोई अशिक्षित नहीं रहे. इस क्रम में हमने इन नरेगा श्रमिकों को कार्य के साथ पढ़ाई कराने की ठानी है. श्रमिकों को पढ़ने के लिए स्लेट चोक दी गई है और रोजाना 40 से 50 मिनट खाना खाने के बाद पढ़ाई कराई जा रही है. यहां पर कार्य करने वाले श्रमिकों ने शहर में शुरू की गई इंदिरा गांधी रोजगार गारंटी योजना के लिए मुख्य अशोक गहलोत का आभार जताया है. साथ ही श्रमिकों का कहना है कि मेट ने हमे पढ़ाई कराने की बात को सहयोग में लेते हुए शिक्षा देने का जो अवसर प्रदान किया है, उनका भी आभार जताते हैं.


Reporter: Gopal Kanwar


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