Rajasthan : अपनी पार्टी बनाएंगे देवीसिंह भाटी, हनुमान बेनीवाल से करेंगे गठबंधन, कामयाब होंगे ?
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Rajasthan : अपनी पार्टी बनाएंगे देवीसिंह भाटी, हनुमान बेनीवाल से करेंगे गठबंधन, कामयाब होंगे ?

Rajasthan News : राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए नेता अपनी तैयारी शुरु कर रहे है. बीकानेर के दिग्गज नेता देवीसिंह भाटी ने संकेत दिए है कि वो अपना सामाजिक न्याय मंच फिर से खड़ कर हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से गठबंधन करेंगे और बीजेपी को टक्कर देंगे.

Rajasthan : अपनी पार्टी बनाएंगे देवीसिंह भाटी, हनुमान बेनीवाल से करेंगे गठबंधन, कामयाब होंगे ?

Rajasthan : बीकानेर और राजस्थान के दिग्गज नेता देवीसिंह भाटी की बीजेपी ज्वानिंग रुकी तो अब वो खुलकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे है. वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले भाटी अब हनुमान बेनीवाल से हाथ मिलाने के संकेत दे रहे है. भाटी ने संकेत दिए है कि वो सामाजिक न्याय मंच को फिर से खड़ा कर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी जैसे संगठनों से हाथ मिलाएंगे और राजस्थान चुनाव में BJP को सबक सिखाएंगे. उन्होने कहा कि वो सरदारशहर उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे.

देवीसिंह भाटी वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते है. हाल ही में राजे की देवदर्शन यात्रा के दौरान वो बीकानेर में खासे सक्रिय दिखे थे और भीड़ जुटाने का काम भी किया था. उस समय ये माना जा रहा था कि राजे के हाथों उनकी बीजेपी में वापसी होगी. लेकिन बाद में ज्वाइनिंग रोक दी गई. माना गया कि बीकानेर सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की वजह से वो भाजपा में घर वापसी नहीं कर पाए. 

क्या संभव है आरएलपी से गठबंधन

देवीसिंह भाटी ने सामाजिक न्याय मंच खड़ा कर चुनाव लड़ने के संकेत देने के साथ ये भी संकेत दिए है कि वो हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से गठबंधन कर बीजेपी को सबक सिखाएंगे. आपको बता दें कि राष्ट्रीय लोकतात्रिक पार्टी बाड़मेर, जोधपुर, नागौर में काफी प्रभावी है. पिछले विधानसभा चुनाव में बेनीवाल ने बीकानेर में भी काफी मेहनत की थी. लेकिन पार्टी को उतनी कामयाबी नहीं मिल पाई थी. ऐसे में अगर भाटी जैसा बड़ा चेहरा किसी भी रूप में बेनीवाल के साथ मिलता है तो बीकानेर जिले में भी बीजेपी कांग्रेस के लिए मुश्किलें हो सकती है.

लोकसभा चुनाव पर क्या असर

देवीसिंह भाटी की बीकानेर में अर्जुनराम मेघवाल से अदावत है. उनकी बीजेपी में वापसी रोकने के पीछे भी भाटी समर्थक ये मान रहे है कि मेघवाल का ही हाथ है. ऐसे में अगर भाटी अलग संगठन बनाते है और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से हाथ मिलाते है तो लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए बीकानेर सीट जीतने में भी मुश्किलें हो सकती है. 2018 में बेनीवाल बीकानेर जिले में भले ही कोई सीट नहीं जीत पाए लेकिन काफी जनसमर्थन जुटाने में कामयाब रहे थे. ऐसे में भाटी-बेनीवाल की जोड़ी बीजेपी-कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव में मुश्किल बन सकती है. 

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