Churu News: चूरू के सरदारशहर तहसील से तकरीबन 45 किलोमीटर दूर गांव सोनपालसर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 11 में पढ़ने वाली वसुंधरा सिंवर आईपीएस बनना चाहती है,लेकिन दिक्कत यह है कि विद्यालय में अध्यापक नहीं है,शिक्षक नहीं होने से आक्रोशित छात्र-छात्राओं और ग्रामीणों ने मंगलवार को विद्यालय के तालाबंदी कर जोरदार प्रदर्शन किया.


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कक्षा 11 में पढ़ने वाली वसुंधरा ने बताया कि मेरा सपना पढ़ लिखकर आईपीएस बनने का है, लेकिन हमारे विद्यालय में अध्यापक नहीं होने के चलते शायद मेरा सपना अधूरा ही रह जाए. वहीं, विद्यालय की छात्रा आईना स्वामी को अध्यापक बनना है,आईना ने बताया कि हमारे स्कूल में गणित विज्ञान और इंग्लिश के अध्यापक नहीं है. जिसके चलते हमारी पढ़ाई सही से नहीं हो पा रही हैं.


विषय अध्यापक नही होने के चलते हम सिर्फ स्कूल में आते हैं और समय व्यतीत कर फिर घर चले जाते हैं,हमारे भविष्य के लिए हमें अध्यापकों की आवश्यकता है. हमारा यह 12वी तक का स्कूल है लेकिन हमारे स्कूल में महज 5 सदस्यों का ही स्टाफ है और जिसमें से हमें पढ़ाने वाले टीचर सिर्फ तीन ही हैं. हमारे स्कूल में इंग्लिश विज्ञान और गणित के अध्यापक नहीं है, जिनकी हमे सबसे ज्यादा आवश्यकता है.


ऐसे में हमारी पढ़ाई बाधित हो रही है. वहीं, ग्रामीणों ने विद्यालय में अध्यापक नही होने के चलते कई बार नीचे से लेकर ऊपर तक सब को अवगत कराया, लेकिन आज तक विद्यालय में अध्यापक नहीं लगाए गए, ऐसे में ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. इसी के तहत ग्रामीण लगातार अपने नौनिहालों की टीसी कटवा रहे हैं और अन्य निजी शिक्षण संस्थानों में दाखिला करवा रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. 


विद्यालय में पहुंचे मालाराम नाई ने बताया कि उन्होंने अपनी दो बेटिया अंबिका नाई और मोनिका नाई की टीसी आज ही कटवाई है. विद्यालय में मास्टर ही नहीं है इसलिए अपनी बेटियों की टीसी कटवाई है, मास्टर नहीं होने के चलते विद्यालय में पढ़ाई भी नहीं हो रही है मास्टर विद्यालय में नहीं है तो ऐसे में बेटियां पढ़ेगी कैसे ? इसलिए मैंने अपनी बेटियों की टीसी कटवाई है,अब मजबूर होकर प्राइवेट स्कूल में अपनी बेटियों को पढ़ाएंगे। गांव के सामाजिक कार्यकर्ता उमेद सिंह राठौड़ ने बताया कि शहर के नजदीक की विद्यालयों में सभी में अध्यापक हैं.


लेकिन हमारा गांव थोड़ा दूर पड़ता है इसलिए हमारे साथ यह भेदभाव हो रहा है. इस विद्यालय में ज्यादा नामांकन बेटियों का है,यहां पर आर्थिक रूप से कमजोर, मजदूर, किसान वर्ग की बेटियां पढ़ती है, जो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में नहीं भेज पाते हैं उनके बेटे बेटियां यहां पढ़ते हैं, उनके लिए हम संघर्ष करेंगे. 
उमेदसिंह ने आगे बताया कि इस विद्यालय में पहले 315 छात्र-छात्राओं का नामांकन था, इस वर्ष घटकर 225 हो गया है. वजह है सिर्फ विद्यालय में अध्यापक नहीं है, हमने काफी बार विद्यालय के आगे धरना, प्रदर्शन भी किया है.


एसडीएम, शिक्षा अधिकारी, विधायक, सांसद सबको अवगत करवाया लेकिन हर बार आश्वासन ही मिलता है. गांव के भीकदास स्वामी ने बताया कि गत वर्ष विद्यालय में कक्षा 10 में 27 विद्यार्थी अध्ययनरत थे, जिनमें से 16 पास 1 सप्लीमेंट्री,बाकी सभी फेल हुए हैं और ऐसा इसलिए है क्योंकि विद्यालय में अध्यापक नहीं है, जो अध्यापक आते हैं वह भी विद्यालय में ऑफिस का काम करते हैं.


ऐसे में हमारे बच्चों की पढ़ाई यहां खराब हो रही है. ऐसे में अब ग्रामीणों का धैर्य जवाब देने लगा है ग्रामीणों ने मंगलवार को स्कूल के ताला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि यदि हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. 


इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि समय आने पर हम सभी बच्चों को लेकर उपखंड अधिकारी के कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन करेंगे और भूख हड़ताल करेंगे. वहीं, ग्रामीणों ने विद्यालय के आगे इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की.



राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य सीताराम ने बताया कि वर्तमान में विद्यालय में 225 छात्र-छात्राओं का नामांकन है.पिछले वर्ष 300 के आसपास नामांकन था लेकिन पिछले साल से विद्यालय में स्टाफ कम होने के चलते नामांकन घट गया हैं.गणित विज्ञान और इंग्लिश, राजनिति विज्ञान के वर्तमान में अध्यापक नहीं है. उन्होंने कहा कि हम कक्षाएं तो लगा रहे हैं लेकिन अभिभावक हमारे पढ़ाने से संतुष्ट नहीं है. वर्तमान में 7 अध्यापक कर्मचारी विद्यालय में काम कर रहे हैं.प्रिंसिपल मैडम मेडिकल पर चल रही है.अध्यापक नहीं होने के चलते अभिभावकों में रोष व्याप्त है.


हमने भी अब ग्रामीणों को समझाइश करने की कोशिश की है कि व्यवस्था मना रहे हैं, लेकिन नहीं मान रहे हैं. हमने हमारे अधिकारियों को भी सूचित किया है कि विद्यालय में अध्यापकों की कमी है,जिसके चलते अव्यवस्थाए बढ़ रही है. वहीं, ग्रामीण अब आर-पार के मूड में है इसी के तहत ग्रामीणों ने विद्यालय के ताला लगाकर जोरदार प्रदर्शन किया.


 प्रदर्शन के दौरान विद्यालय अध्यक्ष हुक्मीचंद सुथार, उमेद सिंह राठौड़, परशाराम जोशी, भीखदास स्वामी, मालराम नाई, फतेहसिह, हरूराम धायल , भुराराम मेघवाल, पच मोडुराम नायक, लिखमाराम भाट, लक्ष्मणराम जोशी, सहीराम अचारीय, मुनीदास स्वामी, लूणसिह, रामस्वरुप नाई, बिशनाराम आदि मौजूद रहे.


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