Churu News: निर्वाचन आयोग द्वारा राजस्थान में विधानसभा आम चुनाव 2023 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लग गयी है. यहां एक नवम्बर गजट नोटीफिकेशन के बाद 06 नवम्बर तक नामांकन दाखिल और 23 नवंबर को मतदान होने है, लेकिन 23 नवम्बर को देवउठनी एकादशी होने की वजह से बड़ा अबूझ सावा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इससे प्रशासन की चिंता भी बढ़ सकती है. लोग शादी-विवाह में व्यस्त होने की वजह से मतदान करने से भी विमुख हो सकते है, जिससे मतदान का प्रतिशत भी कम होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. चूरू जिले की यदि बात करें तो यहां शादी विवाह के लिए बस व गाड़ियों की एडवांस में बुक हो चुकी है. 


यह भी पढ़ेंः उदयपुर-सलूम्बर-मालवी-गोगुन्दा में क्या है कांग्रेस का काउंटर प्लान! दिग्गजों पर लगेगा दांव?


लिहाजा मतदान दलों को रवानगी में परेशानी का सामना करना पड़ेगा. जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि यदि इस तरह की समस्या लोगों द्वारा अवगत करवायी जाती है तो विचार कर के निर्णय लिया जायेगा. 


दूसरी ओर प्राइवेट बस यूनियन की ओर से मंगलवार दोपहर जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग को ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन में यूनियन के जिलाध्यक्ष रणवीर कस्वां ने बताया कि निर्वाचन आयोग के द्वारा 23 नवम्बर को प्रदेश में विधानसभा चुनाव करवाने की घोषणा की है. इसी दिन देवउठनी एकादशी का अबूझ सावा है. बारात के लिए बसों की बुकिंग हो चुकी है.


यह भी पढ़ेंः 'अशोक गहलोत की सरदारपुरा सीट पर भी जीतेगी BJP', पार्टी के बड़े नेता के इस दावे की क्या है वजह


चुनाव को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के लिए पोलिंग पार्टी को आने व जाने के लिए बस व गाड़ियों को बुक किया जायेगा, लेकिन जिन घरों में शादी विवाह है उन्होंने बसों को पहले ही बुक कर एडवांस रुपये ले लिये है. लेकिन प्रशासन के द्वारा बस बुक कर ली जाएगी तब हमारे सामने काफी परेशानी होगी.


जिन लोगों ने बसों के लिए एडवांस रूपये दिये है वह कोर्ट में जाएंगे, जिससे हमारी समस्या बढ़ जायेगी. इसके अलावा मतदान दलों को रूकने के लिए धर्मशाला व गेस्ट हाउस भी बुक किए जायेंगे, लेकिन जिन लोगों ने धर्मशाला व गेस्ट हाउस बुक पहले ही कर दिए है. उनके सामने तो समस्या खड़ी हो जाएगी.


गौरतलब है कि सबसे बड़ी बात यही है कि जो निर्वाचन विभाग एवं प्रशासन लाखों खर्च कर मतदान बढ़ाने पर बल देता है और फ्लैगशिप योजनों का आयोजन करता है. इसके बावजूद भी मतदान प्रतिशत में काफी गिरावट आने की संभावना है इसलिए मतदान का प्रतिशत भी प्रभावित होगा. ऐसे में क्या निर्वाचन आयोग मतदान की दिनांक में बदलाव करेगा.