Sadulpur: चूरू जिले के किसानों की रबी फसल 2021 के बीमा क्लेम की क्रॉप कटिंग रिपोर्ट सार्वजनिक करने सहित 18 सूत्री मांगों को लेकर लगातार दूसरे दिन जिले के राजगढ़ कस्बे से गुजरने वाले पांचों मार्गों पर पूर्णतः चक्काजाम रहा. 


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वहीं, प्रशासन की ओर से किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने मामले की सुध नहीं ली. किसानों की मांगों और चक्काजाम के प्रति प्रशासन के उदासीन रवैए से आक्रोशित पूर्व विधायक मनोज न्यांगली भी किसान आंदोलन में शामिल हो गए हैं. किसानों द्वारा विभिन्न सड़क मार्ग पर किए हुए चक्काजाम के स्थलों पर पहुंचकर उन्होंने किसानों की वाजिब मांगों और मजबूरन किसानों द्वारा किए जा रहे चक्काजाम के प्रति प्रशासन की बेहद उदासीन रवैए की आलोचना की और प्रशासन को आगाह करते हुए कहा कि आंदोलनरत किसानों से प्रशासन द्वारा बात नहीं करना बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना कदम है. 


राष्ट्रीय राजमार्ग 52 के लसेड़ी टोल प्लाजा और सिधमुख में चक्का जाम किए हुए किसानों के बीच जाकर उन्होंने इस अति महत्वपूर्ण मुद्दे पर स्थानीय विधायिका और सांसद की चुप्पी पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि क्षेत्र के किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं और तहसील के पांच सड़क मार्ग पूर्णतः बंद हैं, जबकि दोनों चुने हुए जनप्रतिनिधि मौन है. 


सरकार और चुने हुए जनप्रतिनिधियों ने यदि किसानों की वाजिब मांगों पर चुप्पी नहीं तोड़ी तो क्षेत्र का हर किसान सड़क पर नजर आएगा और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है. 


पांचों सड़क मार्गों पर रहा पूर्णतः चक्काजाम
अंबाला से सालासर को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर लसेड़ी में, बीकानेर राजगढ़ राज्य मार्ग ददरेवा में, भादरा-राजगढ़ सड़क मार्ग सिधमुख में, झुंझुनू-राजगढ़ मार्ग बैरासर बड़ा में, पिलानी-राजगढ़ सड़क मार्ग हमीरवास में पूर्णतः बंद रहा. 


आंदोलनरत किसानों में प्रशासन की बेरुखी को लेकर आक्रोश 
लसेड़ी धरना-स्थल पर आंदोलन के अगवाई कर रहे कॉमरेड सुनील पूनिया व रणसिंह पूनिया, सिधमुख धरना स्थल से महेंद्र सहारण,बेगराज पुरोहित, डोकवा धरना से किसान नेता निर्मल प्रजापत, बैरासर धरना स्थल से कॉमरेड रामकरण पूनिया, ददरेवा-भनीन धरना स्थल से किसान नेत्री भूमि बिरमी ने किसानों के जत्थों को संबोधित करते हुए सरकार, प्रशासन और चुने हुए जनप्रतिनिधियों की जमकर मुखालफ्त की और किसानों की मांगे मंजूर न होने तक आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी. 


किसान अपनी मांगें मनवाने पर अड़े हैं, रात्रि में भी सड़क पर सो कर मांगें मनवाने के लिए किसानों ने कमर कस ली है. 


Reporter- Gopal Kanwar 


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