Sadulpur:  फर्जी डिग्री व खेल सर्टिफिकेट मामले में सोमवार शाम को एसओजी की टीम OPJS यूनिवर्सिटी के गिरफ्तार दलाल से साथ फिर सादुलपुर पहुंची तथा बस स्टेंड के पास एक फ़ोटो कॉपी की दुकान की तलाशी ली.


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सोमवार को, फर्जी डिग्री और खेल सर्टिफिकेट के मामले में, एसओजी की टीम ने OPJS यूनिवर्सिटी के एक दलाल को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद, वे सादुलपुर आए और बस स्टैंड के पास एक फ़ोटो कॉपी की दुकान की तलाशी ली. तलाशी के दौरान, पुलिस ने दस्तावेज़ बरामद करने की कोशिश की. इस दौरान, एसओजी के आसपास हथियारबंद पुलिस के जवान तैनात थे. 


जानकारी के अनुसार, फर्जी डिग्री मामले में एसओजी टीम ने गिरफ्तार आरोपी सुभाष को लेकर आई. गिरफ्तारी के बाद, बस स्टैंड पर स्थित एक दुकान पर तलाशी की गई. 
 गौरतलब है गत गुरुवार को मामले एस ओ जी पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिनमें दो राजगढ़ के हैं. तीन में से दो शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं, वहीं एक प्रिंटिंग प्रेस संचालक है जो कि फर्जी डिग्री प्रिंट करता था.


एसओजी ने फर्जी डिग्री के मामले में शिक्षा निदेशालय में पूर्व में कार्यरत एलडीसी मनदीप कुमा तथा शिक्षा निदेशालय में पूर्व में कार्यरत एलडीसी जगदीश सहारण  तथा फर्जी डिग्री प्रिंट करने वाले राकेश कुमार शर्मा को गिरफ्तार किया गया. 


आरोपी मनदीप और जगदीश के जरिए पूर्व में गिरफ्तार दलाल सुभाष पूनिया के माध्यम से मनदीप की पत्नी सुमन को जेएस विवि सिकोहाबाद से फर्जी डिग्री दिलाकर पीटीआई भर्ती में प्रयोग में लिया गया. पहले जो फर्जी डिग्री मिली, उसमें 15 अक्टूबर अंकित कर दी थी, जॉइनिंग में दिक्कत होती थी, इस पर दोनों ने दूसरी फर्जी डिग्री निकाल कर 23 सितंबर अंकित कर दी.


 सुमन वर्तमान में शारीरिक शिक्षक पद पर कार्यरत है. सुभाष, मनदीप व जगदीश अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में खेल आरक्षण का लाभ लेने के लिए विशेष योग्यता के अंक अर्जित करके देने के लिए अलग षड़यंत्र करते. मनदीप व जगदीश योग्य अभ्यर्थियों को ढूंढकर पहले सौदा तय करते ओर उसके बाद सुभाष के माध्यम से ओपीजेएस या अन्य यूनिवर्सिटी में मिली भगत कर फर्जी एडमिशन करवाते. डिग्री की व्यवस्था सुभाष विश्वविद्यालय से नहीं कर पाता तो राकेश प्रिंटिंग प्रेस में छपवा देता था.


गत गुरुवार को, SOG ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से दो राजगढ़ के हैं. तीनों में से दो शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं, वहीं एक प्रिंटिंग प्रेस संचालक है जो फर्जी डिग्री प्रिंट करता था. 


इस मामले में OPJS यूनिवर्सिटी भी SOG के ध्यान में है, जहां से कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, OPJS में भी फर्जी डिग्रियों का बड़ा नेटवर्क चल रहा था.