Sardarsahar News: अपने अनुशासन के लिए जाने जाने वाली पार्टी भाजपा का अनुशासन रविवार को तार-तार हो गया. भाजपा की बैठक में ऐसा हंगामा हुआ जो शायद ही सरदारशहर भाजपा के इतिहास में आज तक हुआ हो. 5 दिसंबर को सरदारशहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है और भाजपा की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप से उपचुनाव को लेकर किसी भी उम्मीदवार का नाम तय नहीं किया गया है.


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भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित
एक दर्जन से ज्यादा भाजपा नेताओं ने अपनी उम्मीदवारी जता रखी है, ऐसे में अनेकों नामों पर इस समय चर्चा चल रही है, जिसमें सबसे आगे उद्योगपति प्रह्लाद सर्राफ का नाम चल रहा है. वहीं इन सबके बीच भाजपा के कुछ पार्टी नेताओं ने दबे स्वर में सराफ का विरोध भी करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में रविवार को यह विरोध मुखर होकर भाजपा की इस बैठक में सामने आया. इस विरोध के सुर को शांत करने के लिए रविवार दोपहर 1 बजे ओसवाल बड़ा पंचायती भवन में पूर्व विधायक अशोक पींचा ने भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की. 


देखते ही देखते भाजपाई आपस में उलझ गए
इस दौरान उद्योगपति प्रह्लाद सर्राफ को मंच पर बुलाने पर विरोध का गुबार है वह फूट पड़ा और देखते ही देखते भाजपाई आपस में उलझ गए. इस दौरान पूर्व नगरपालिका उपाध्यक्ष मुरलीधर सैनी ने बैठक में जबरदस्त हंगामा खड़ा कर दिया, यह देखते हुए कई सारे कार्यकर्ता खड़े होकर मंच की ओर आगे बढ़ते हुए हंगामा बरपाने लगे, जिन्हें शांत कराने में भाजपा के सरदारशहर के शीर्ष नेतृत्व के पसीने छूट गए. इस दौरान पूर्व विधायक अशोक पिंचा गिरधारी लाल पारीक, पूर्व प्रधान सत्यनारायण सारण को आगे आकर विरोध कर रहे भाजपा नेताओं को शांत करवाया, वहीं पार्टी के मुरलीधर सैनी ने यह कहते हुए विरोध किया कि सर्राफ परिवार कब से भाजपाई हो गए, किस आधार पर इन्हें मंच पर बुलाया गया है, इस दौरान नाराज हुए पूर्व पालिका उपाध्यक्ष मुरलीधर सैनी बैठक छोड़कर चले गए. जिसके बाद बैठक में प्रह्लाद सर्राफ ने पार्टी कार्यकर्ताओं को कहा कि हमारा परिवार तीन पीढ़ियों से संघी रहा है हमारे परिवार की ओर से तहसील क्षेत्र में विकास के कई काम करवाए गए हैं. मैं यह मानता हूं कि हमारा परिवार राजनीतिक नहीं रहा है लेकिन हमारे परिवार ने तहसील क्षेत्र में बहुत काम किया है.


प्रह्लाद सर्राफ ने उनके परिवार के द्वारा करवाए हुए  काम गिनाए
इस दौरान एक के बाद एक प्रह्लाद सर्राफ ने कई काम उनके परिवार के द्वारा करवाए हुए गिनाए. जिनमें मुख्य रूप से मंदिर निर्माण के कार्य भी शामिल थे. इस दौरान प्रह्लाद सर्राफ ने अपने पूरे भाषण में यह बताने की कोशिश की कि उनके द्वारा तहसील क्षेत्र में कितना काम करवाया गया है. इसके अलावा उनके द्वारा कोरोना काल में मोदी फंड केयर में दिए एक करोड़ रुपए को भी बात उन्होंने रखी. वहीं प्रह्लाद सर्राफ के भाषण के बाद कार्यकर्ताओं का गुस्सा शांत हो गया और यह तय हो गया की प्रह्लाद सर्राफ को अगर टिकट मिलती है तो भाजपा कार्यकर्ता उनके साथ रहेंगे. भाषण देते हुए पूर्व विधायक अशोक पिंचा कई बार भावुक हुए. उन्होंने कहा कि पूरी जवानी मैंने पार्टी में लगा दी, लेकिन अब मैं चुनाव लड़ने के लिए सक्षम नहीं हूं. ऐसे में मैं इस बार में चुनाव नहीं लड़ना चाहता, मैं चाहता हूं कि पार्टी का ही कोई कार्यकर्ता चुनाव लड़े, लेकिन जो भी चुनाव लड़ेगा मैं उसके साथ रहूंगा. 


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इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझ पर कुछ लोग टिकट बेचने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन कोई भी माइका लाल यह बात साबित नहीं कर सकता कि मैंने टिकट बेची है इसलिए एकजुट होकर हमें इस चुनाव में उतरना चाहिए और पार्टी जिसको भी टिकट दे उसको मजबूत करना चाहिए. वहीं आपको बता दें कि भाजपा की ओर से अब लगभग उद्योगपति प्रह्लाद सर्राफ को टिकट मिलना तय है. वहीं विरोध के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रह्लाद सर्राफ ने कहा कि अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है और अन्य किसी कार्यकर्ता को टिकट देती है तो वह तन मन धन से उस कार्यकर्ता के साथ रहेंगे. वहीं उन्होंने कहा कि अगर पार्टी उन्हें टिकट देती है और जनता अगर उन्हें विधायक बनाती है तो वह सरदारशहर में विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे.


Reporter- Gopal Kunwar