Dausa news: राजस्थान के दौसा जिला के बांदीकुई में उप जिला अस्पताल, जो इन दिनों इलाज से ज्यादा डॉक्टरों के कारनामों को लेकर चर्चाओं में हैं. जहां दवाइयों और जाचों की कमीशन खोरी आम बात हो गई है. इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि डॉक्टर खुलेआम जांच में कमीशन खोरी कर रहे हैं. चेहती लैबों से सोनोग्राफी सहित अन्य जांच करवा रहे हैं.


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 कमीशनखोरी के सबसे ज्यादा मामले उप जिला अस्पताल के महिला चिकित्सालय में आ रहे हैं. जहां डॉक्टर प्रसुताओं और महिलाओं को चेहती लैबों से जांच करवाने के लिए दबाव बनाती नजर आती है. इतना ही नहीं यदि गलती से मरीज के द्वारा डॉक्टर के बताए अनुसार निजी लैब से सोनोग्राफी या अन्य जांच नहीं करवाई तो डॉक्टर का पारा भी सातवें आसमान पर पहुंच जाता है, और डॉक्टर जांच रिपोर्ट को देखने से इनकार कर देती है. इतना ही नहीं डॉक्टर उल्टा रिपोर्ट को मरीज और उसके परिजन के ऊपर फेंक देते हैं. आप खुद ही सुन लीजिए डॉक्टर कैसे चेहती लैबों का नाम लेकर जांच की बात कह रही है.


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डॉक्टर मंजू मीणा के द्वारा चेहती लैब से जांच कराने का दबाव बनाने और रिपोर्ट देखने से इनकार करने के वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहे हैं. हालांकि जी मीडिया इन वायरल विडियो की पुष्टि नहीं करता हैं. ऐसा ही एक मामला सोमवार को भी सामने आया था जिसमें मरीज के परिजन के द्वारा अस्पताल प्रशासन से लिखित में रिपोर्ट ना देखने व चहेती लैब पर जांच करवाने की शिकायत की गई. लेकिन कार्रवाई के नाम पर अस्पताल प्रशासन द्वारा जांच कमेटी गठित कर दी गई.बड़ा सवाल यह है कि अस्पताल प्रशासन ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से आखिर क्यों बच रहा है. इससे अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.