दौसा: अपनी हवस मिटाने के लिए 5 बच्चों को छोड़कर आशिक के साथ भागी कलयुगी मां, FIR करवाई गई दर्ज
दौसा न्यूज: पांच बच्चों की मां आशिक संग फरार हो गई. अबोध चार बेटी और एक बेटे को रोते बिलखते उनकी मां छोड़ गई. अब बच्चों के सामने जीवन यापन का संकट है. बच्चों की पालनहार योजना का पैसा भी मां के खाते में जा रहा है.
Dausa: कहते हैं दुनिया में मां से बड़ा कोई खूबसूरत रिश्ता नहीं होता लेकिन एक मां अपनी हवस की भूख मिटाने के लिए पांच अबोध बालक बालिकाओं को रोते बिलखते छोड़ कर आशिक के संग फरार हो गई. पति की मौत को आठ माह ही बीते थे कि महिला अपने बच्चों की बिना कोई परवाह किए अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रेमी संग घर से भाग गई.
बच्चों के ताऊ ने करवाई ेएफआईआर दर्ज
महिला को भागे 10 माह बीत गए लेकिन उसने अपने अबोध बालक बालिकाओं की कोई सुध नहीं ली. अब इन अबोध बालक बालिकाओं के सामने जीवन यापन का बड़ा संकट खड़ा हो गया. 5 बच्चों की मां के फरार होने के मामले में अब बच्चों के ताऊ ने पुलिस थाने में महिला के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवाते हुए बताया कि उसके भाई टीकाराम मीणा की बीमारी के चलते 14 जुलाई 2021 को मौत हो गई थी.
तब भी उसकी पत्नी सुशीला घर नहीं थी वह घर छोड़कर चली गई थी और उसकी मौत के एक माह बाद घर वापस लौटी और पालनहार योजना में बच्चों का नाम जुड़वाया. साथ ही भाई की मौत पर चिरंजीवी योजना में जो पैसा मिला था वह भी उसने ले लिया और उसके बाद इन बच्चों को बेसहारा छोड़कर आशिक के संग भाग गई. ऐसे में पालनहार योजना का पैसा भी बच्चों की मां के खाते में ही जा रहा है .
दरअसल दौसा जिले के महुआ विधानसभा के मंडावर थाना क्षेत्र के जटवाड़ा गांव निवासी टीकाराम मीणा की मौत के बाद उसकी पत्नी सुशीला देवी 11 साल से कम आयु के 5 बच्चों को भगवान भरोसे छोड़कर नए हमसफर के साथ भाग गई. बच्चों में 11 वर्षीय काजल , 10 साल की मनीषा , 9 साल की पायल , 7 साल की अनीता , 4 साल का सबसे छोटा बेटा अंशु है. अब इस पूरे मामले में बच्चों को न्याय मिले साथ ही उनका जीवन यापन ठीक ढंग से हो इसके लिए महंगाई राहत कैंप में बच्चों सहित ताऊ ने पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि बच्चों का कोई संरक्षक नियुक्त किया जाए.
बच्चों के ताऊ की आर्थिक स्थिति खराब
साथ ही इन योजनाओं का लाभ सीधा बच्चों को मिले ताकि यह भूख प्यास से तड़पे नहीं. ताऊ रमेश मीणा ने कहा मेरी भी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि मैं इनका पालन पोषण कर सकूं, हालांकि मैं मेरी हैसियत के मुताबिक भरसक प्रयास इनका पालन पोषण करने का कर रहा हूं.
इन मासूम बच्चों का कहना है कि वह चार बहन और एक भाई है और उनके पास खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है. मम्मी पापा की बहुत याद आती है. बुजुर्ग दादी उन्हें खाना बना कर खिलाती है अब उनके जीवन का क्या होगा यह उन्हें भी नहीं पता.
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