Dausa News: राजस्थान के दौसा जिले में गर्मी के शुरुआत में ही पानी विकराल समस्या बन गई है. दौसा की पानी की समस्या आज की नई नहीं दशकों को पुरानी है. 10 अप्रैल 1991 को दौसा जिला बना था, तब लोगों को लगा था कि उनकी पानी की समस्या का समाधान होगा लेकिन आज भी पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है. नलों में जलदाय विभाग द्वारा जो पानी सप्लाई किया जाता है वह 8 से 10 दिन में एक बार आता है और वह भी महज 30 मिनट के लिए.  


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जलदाय विभाग द्वारा नालों में जो पानी सप्लाई किया जाता है, वह भी फ्लोराइड युक्त होता है. विभाग टैंकरों की सप्लाई की बात भी कहता है लेकिन वह टैंकर भी ऊंट के मुंह में जीरा जैसे ही साबित हो रहे हैं. जब भी चुनाव आते हैं. चुनाव लड़ने वाले नेता यहां पानी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाते हैं और जब चुनाव प्रक्रिया खत्म होती है तो वह मुद्दा भी खत्म हो जाता है.



पिछले लंबे समय से नेता दौसा की पानी की समस्या का समाधान करने के लिए ईसरदा बांध से पानी लाने की बात कहते आ रहे हैं लेकिन आज तक भी वह वादा पूरा नहीं हुआ. अब ERCP योजना से पूर्वी राजस्थान की पानी की समस्या का समाधान करने का भरोसा दे रहे हैं लेकिन सवाल यह है कि आखिर वह पानी दौसा की जनता को कब मिलेगा और फिलहाल लोगों की प्यास कैसे बुझे? 



लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए 600 से 700 रुपये में पानी के टैंकर खरीदने पड़ रहे हैं लेकिन सवाल यह है कि जो गरीब और मजदूर तबका है वह पानी इतना महंगा कैसे खरीद के पिए? दौसा जिले के गांव के हालात भी पत्थर हैं. लोगों को पानी के लिए कई किलोमीटर तक भटकना पड़ता है. पानी के बिना महिलाओं की दिनचर्या प्रभावित रहती है.  


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