Dausa: पिछले दिनों जयपुर में न्यायाधीश के आवास पर हुई सहायक न्यायिक कर्मचारी सुभाष मेहरा की मौत का मामला प्रदेश में लगातार गरमाता जा रहा है. आंदोलन की शुरुआत जयपुर से हुई और अब प्रदेश भर में न्यायिक कर्मचारियों का आंदोलन जारी है दौसा जिले में भी 30 नवंबर से जिले की सभी कोर्ट के न्यायिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हैं.


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जहां न्यायालयों के बाहर धरना और क्रमिक अनशन भी कर रहे हैं. वहीं न्यायिक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर संगीत मय सुंदरकांड के पाठ और हवन भी कर चुके लेकिन फिलहाल उनकी मांगों को लेकर गतिरोध जारी है.


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शुक्रवार को दौसा जिला और सेशन न्यायालय परिसर में स्थापित सभी न्यायलयों के साथ ही तालुका न्यायलयों के न्यायिक कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर आक्रोस जताते हुए रैली निकाली रैली में जिले की सभी कोर्टों के सैकड़ों न्यायिक कर्मचारी शामिल हुए. रैली नेहरू गार्डन से शुरू होकर शहर के मुख्य मार्गो से होती हुई जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर के दरवाजे तक पहुंची रैली के दौरान न्यायिक कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.


राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ शाखा दौसा के जिलाध्यक्ष मुरारी लाल मीणा ने कहा जब तक उनकी मांगों पर अमल नहीं होगा उनका आंदोलन जारी रहेगा मुरारी लाल मीणा ने कहा सबसे पहली मांग है सुभाष मेहरा की मौत के मामले में एफ आई आर दर्ज हो साथ ही उनके परिजनों को पचास लाख रुपये की मुआवजा राशि दी जाए वही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी साथ ही इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाई जाए.


ताकि मामले का सच उजागर हो सके मुरारी लाल मीणा ने कहा आरोपियों के रसूख के चलते प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं हो रही लेकिन राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ जब तक सुभाष मेहरा को न्याय नहीं मिल जाता आंदोलन जारी रखेगा . न्यायिक कर्मचारियों के आंदोलन में अब दौसा के अधिवक्ता भी शामिल होने की बात कह रहे हैं दौसा के वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर जैन ने रैली के दौरान न्यायिक कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा राज्य सरकार और हाईकोर्ट प्रशासन पूरे प्रकरण की जांच कराएं.


Reporter- Laxmi Sharma