Dausa: दौसा के लालसोट विधानसभा क्षेत्र की खटूमर ग्राम पंचायत के पहाड़ों में स्थित अधिष्ठात्री देवी पपलाज माता का शुक्रवार से तीन दिवसीय लक्खी मेला शुरू हुआ. जिसका अष्टमी को समापन होगा. तीन दिवसीय इस मेले में लाखों की तादात में श्रद्धालु पपलाज माता मंदिर पहुंचकर दर्शन करते हैं. पूजा अर्चना करते हैं और मनोकामन मांगते हैं. दूरदराज से पैदल यात्रा कर भी श्रद्धालु यहां पहुंचती हैं. मेले के दौरान कोई अव्यवस्था नहीं हो इसके लिए एक ओर जहां मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से व्यवस्था की जाती है तो वहीं सुरक्षा के लिहाज से पुलिस का जाब्ता भी तैनात रहता है. साथ ही मेडिकल की टीमें भी तैनात की गई हैं .


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अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के पहाड़ी दर्रो के बीच स्थित पपलाज माता के दर्शनों के लिए दूरदराज से लोग पहुंच रहे हैं. वहीं माता के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ग्रामीणों की ओर से जलपान की भी व्यवस्था की गई है. जिले के ग्रामीण और शहरी लोगों में पपलाज माता के प्रति गहरी आस्था है और यही वजह है  मेले के दौरान यहां लाखों की तादात में लोग पहुंचते हैं जिले से बाहर के लोग भी बड़ी तादाद में इस दौरान पपलाज माता के दर्शनों के लिए आते हैं वैसे बारह माह ही यहां श्रद्धालुओं का आना जाना रहता है .


वैसे तो लालसोट की धरती पर सात शक्तिपीठों की मान्यता है, मगर सर्वाधिक मान्यता आंतरी क्षेत्र में बसी मां पपलाज की है, जहां पर लाखों की तादाद में श्रद्धालु मनौतियां मांगते हैं. पुरातत्व विभाग के अनुसार 788 साल पहले और जागा पोथी के अनुसार तकरीबन 1100 साल स्थापित पपलाज माता की मूर्ति चमत्कारी है. दौसा जिले में ही नहीं बल्कि प्रदेश स्तर पर अपनी ख्याति के चलते लोग माता के दर्शन करने पहुंचते हैं.


गूंगे, बहरे, अंधे, लकवा ग्रस्त, व्यापार, विवाह या फिर अन्य अड़चनों से पीड़ित लोग माताजी के ढोक लगाने पहुंचते हैं. यहां भाद्र पक्ष के शुक्ल पक्ष की छठ से शुरू होने वाला मेला अष्टमी तक रहता है. मंदिर के नीचे से निकल रहा जल स्रोत का सपड़ावा लोगों के कहे अनुसार चर्मरोग को दूर करने में राम बाण साबित होता है. पपलाज माता की मान्यता दौसा जिले के गांव-गांव में है. जहां बड़ी तादाद में ग्रामीण माता के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. पपलाज माता के मंदिर में हमेशा मेले का माहौल रहता है.


Reporter- Laxmi Sharma


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