Dausa: लोकतंत्र में वोट की सबसे अधिक अहमियत होती है, वोट की कोई कीमत नहीं होती, वह अमूल्य होता है. एक-एक वोट से सरकारें चुनी जाती हैं लेकिन जब पढ़े लिखे लोग ही वोट डालने में गलती करें तो फिर उसे क्या कहेंगे आप. 


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हालांकि विधानसभा और लोकसभा चुनाव अब मतपत्रों की जगह ईवीएम मशीनों से होते हैं, जिसके चलते वोट डालने में गलती नहीं हो सकती, लेकिन अभी भी कुछ ऐसे चुनाव जो मतपत्रों के जरिए होते हैं, वहां थोड़ी सी चूक भी मत पत्र को निरस्त कर सकती है. यानी आपका डाला हुआ वोट खराब हो सकता है, वह वोट गिनती से बहार कर दिया जाएगा.


इन कॉलेजों में इतने वोट हुए खारिज
यह नजारा हाल ही में हुए छात्र संघ चुनाव के दौरान भी देखने को मिला, जहां स्कूलों की पढ़ाई पूरी कर कॉलेजों में पढ़ने पहुंचे छात्र भी सही वोट नहीं कर पाए. दौसा जिले में छात्रसंघ चुनाव 2022 के दौरान बड़ी तादाद में छात्रों द्वारा डाले गए वोट निरस्त हुए है. दौसा पीजी कॉलेज में 928 वोट निरस्त हुए हैं, वहीं महिला कॉलेज में 237 खारिज हुए हैं. गलत तरीके से डाला हुआ वोट किसी के भी काम का नहीं होता वह खराब जाता है. ऐसे में वोट का कास्ट करने से पहले वोट डालने का सही तरीका जानना भी बेहद जरूरी होता है. अगर निरस्त हुए वोट सही तरीके से डाले जाते तो छात्र संघ चुनाव के परिणाम भी बदल सकते थे.


संत सुंदरदास राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में महासचिव निर्विरोध चुनी गई. वहीं अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के लिए मतदान हुआ, जहां कुल 237 वोट निरस्त किए गए. अध्यक्ष पद की मतगणना के दौरान 61 मतों को निरस्त किया गया. वहीं उपाध्यक्ष के वोटों की गिनती के दौरान 89 मतपत्र रिजेक्ट हुए, वही संयुक्त सचिव पद की मतगणना में भी 87 वोट निरस्त किए गए. 


यह निरस्त हुए वह मतपत्र है, जहां छात्रों ने बैलेट पेपर पर या तो गलत तरीके से मोहर लगाई या फिर उनकी गलत तरीके से घड़ी डाली गई, जिसके चलते यह मत पत्र निरस्त हुए. निरस्त हुए मतों को अगर छात्राओं द्वारा सही तरीके से डाला जाता तो हो सकता था कि यहां छात्रसंघ चुनाव के परिणाम भी कुछ और होते.


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वहीं जिले के सबसे बड़ी कॉलेज पंडित नवल किशोर शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छात्रों द्वारा बड़ी तादात में गलत ढंग से वोट कास्ट किया गया, जिसके चलते 928 मत पत्र निरस्त हुए. अध्यक्ष पद की मतगणना के दौरान 98 मतों को निरस्त किया गया, उपाध्यक्ष पद के लिए डाले गए वोटों में 223 वोट रिजेक्ट किए गए, वहीं महासचिव पद की मतगणना के दौरान 260 मतों को अवैध करार दिया गया, वहीं संयुक्त सचिव पद पर 347 मतों को खारिज किया गया. 


पीजी कॉलेज में कुल 3142 छात्र-छात्राओं ने मत डाले, जिनमें से 928 मत निरस्त हुए, यानी निरस्त हुए मतों का आंकड़ा 29.53 प्रतिशत रहा, जबकि कई पदों पर निरस्त हुए मतों से भी कम जीत का अंतर रहा. ऐसे में जरूरी है कि वोट डालने से पहले वोट डालने का सही तरीका भी जानना बेहद जरूरी है, जिससे वोट कास्ट में कोई गलती नहीं हो और आपका वोट निरस्त नहीं हो.


Reporter: Laxmi Sharma


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