Baseri News, Dholpur: धौलपुर जिले के सरमथुरा कस्बे में बोहरेजी के मंदिर पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर तुलसी विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. माता तुलसी-सालिग्राम के विवाह की कथा सुनकर तुलसी माता के 108 फेरे लेकर शंख, घंटियां बजाकर हर्ष उल्लास उमंग के साथ पर्व प्रारंभ हुआ. 


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पंडित मोहन शास्त्री ने कार्यक्रम का आयोजन कराया. मंदिर में सुबह से ही पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ रही. लड्डू के अलावा गन्ना, सिंघाड़ा आदि मौसमी फलों का प्रसाद चढ़ाया. 


घर-परिवारों में महिलाओं ने कथा श्रवण के बाद माता तुलसी के कन्यादान स्वरूप साड़ी, जोड़ा श्रृंगार का सामान, फल-मिठाई दान किया. कार्यक्रम में महिलाएं भक्ति विभोर होकर भजन गीतों पर नृत्य करती हुई नजर आईं. मंदिर के पंडित शशिकांत शास्त्री ने कहा कि तुलसी का अनुष्ठान में विशेष महत्व है. 


इसके पौधे के पत्तों का प्रयोग यज्ञ हवन पूजन कर्मकांड साधना और उपासना आदि में होता है. इसके अलावा तुलसी के पत्ते जिस भोजन में डाल दिए जाते हैं, पवित्र हो जाता है. विशेषकर किसी भी कृष्ण मंदिर में बिन तुलसी के पत्तों के भोग नहीं लगता है. उन्होंने कहा कि देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के शालिग्राम में उनका विवाह संपन्न होता है. 


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इसके साथ ही आम जन के शादी-विवाह मांगलिक कार्यक्रमों का शुभारंभ भी हो जाता है. तुलसी के पूजन करने से घरों में सुख शांति आती है, जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा होता है, वहां रोग दरिद्रता भूले भटके भी नहीं आती. कार्यक्रम के दौरान सुधा गर्ग, विनीता गर्ग , रश्मि अग्रवाल , अनीता गर्ग सहित बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रही. 


Reporter- Bhanu Sharma