Bari: राजस्थान के धौलपुर जिले के बाड़ी शहर के सामान्य अस्पताल पिछले 60 वर्ष पुराना है. इस अस्पताल की बिल्डिंग का निर्माण भी उसी वक्त हुआ था, जो पत्थर और पट्टियों से बनाई गई थी. 


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इस बिल्डिंग के ठीक ऊपर की मंजिल पर कुछ महीने पहले ब्लड बैंक और लैब के लिए नया भवन बनाया गया है, जिसको लेकर ना तो निर्माण से जुड़े अभियंताओं ने पुरानी बिल्डिंग की मियाद देखी और ना ही उस पर निर्माण कार्य हो सकेगा. ऐसे में अब जब नई बिल्डिंग का निर्माण हो गया है तो उसको गिव एंड टेकन ओवर करने के 20 दिन बाद ही नई बिल्डिंग में दरार आ गई. इन दरारों के चलते अस्पताल प्रशासन उसमें ब्लड बैंक और लैब को शिफ्ट किए जाने से डर रहा है.


बाड़ी सामान्य चिकित्सालय की दूसरी मंजिल पर बनी नवनिर्मित बिल्डिंग को अभी दो सप्ताह भी नहीं हुए कि बिल्डिंग की छत में दरारें और दीवारों पर सीलन देखने को मिल रही है, जिसके चलते अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी भयभीत देखे जा सकते है. लगभग साठ वर्ष पुराने नगर के मुख्य अस्पताल में कमरों की कमी के चलते एनआरएचएम द्वारा बिना सोचे-समझे गैर जिम्मेदाराना रवैया के चलते पुरानी जर्जर बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर कुछ कमरों का निर्माण किया गया है, जिसे लगभग दो सप्ताह पूर्व ही हॉस्पिटल के सपुर्द किया गया है, लेकिन इस नए भवन में अभी से दरारें और सीलन देखने को मिल रही है. 


जिसके चलते अस्पताल में कार्यरत कार्मिक भय के साये में कार्य करने को मजबूर हो रहे है. क्योंकि इस नवनिर्माण कमरों के नीचे बने कमरों के छतों की पट्टियां कुछ दिन पूर्व ही टूटी थी, जिसमें आनन-फानन में लोहे की गाटर फंसाई गई है, ऐसे में इस पुराने कमरों के ऊपर नए कमरों में आ रही दरारों और सीलन ने कार्मिकों की चिंता बढ़ा दी है. इसी को लेकर अब अस्पताल के नवीन पद ग्रहण करने वाले पीएमओ ने मुख्य अभियंता को पत्र लिखने की बात कही है. 


अस्पताल के पीएमओ डॉ हरिकिशन मंगल ने बताया कि बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूर्व पीएमओ के समय में हुआ था, जिसे गिवेन टेकन ओवर भी उन्हीं के समय में किया गया. इस बिल्डिंग में ब्लड बैंक और लैब को शिफ्ट किया जाना था, जिसके लिए फर्नीचर का काम किया जा रहा था, बिल्डिंग में दरारें देखी गई है. ऐसे में बिल्डिंग में आगे का काम रोक दिया गया है और निर्माण कार्य से जुड़ी एनआरएचएम के मुख्य अभियंता को शिकायती पत्र भेजा जाएगा और उनके आने के बाद ही मामले की जांच हो सकेगी. 


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मामले को लेकर एनआरएचएम के सहायक अभियंता राकेश वर्मा का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें पुरानी बिल्डिंग के मजबूत होने की बात कही थी, जिसके चलते उस पर नई बिल्डिंग बनाई गई और अब उसमें दरारें आ गई है. जिसको देखकर लगता है कि पुरानी बिल्डिंग की हालत ठीक नहीं है. ऐसे में अब बिल्डिंग के ऊपर और निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा, जिसका प्रस्ताव उनके पास है. साथ में नई बिल्डिंग में आई दरारों को दूर करने के भी प्रयास किए जाएंगे.


नागरिकों ने की मामले की जांच की मांग
मामले को लेकर शहर के वार्ड पार्षद और जागरूक नागरिकों ने अस्पताल प्रशासन के साथ स्थानीय प्रशासन से मामले की जांच की मांग की है. साथ में कार्य में अनियमितता मिलने पर कार्रवाई की मांग की है. वार्ड पार्षद रोहित मंगल, समाज सेवी रामदास तरुण सहित अन्य का कहना है कि अस्पताल सार्वजनिक स्थान है, जहां जर्जर इमारत के ऊपर बने भवन से कोई भी खतरा हो सकता है. ऐसे में इसकी निष्पक्ष जांच और कार्रवाई होनी चाहिए. गौरतलब है कि अस्पताल का निर्माण 1956 में हुआ था. 1962 में देश के प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री ने इसका उद्घाटन किया था.


Reporter: Bhanu Sharma


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