Rajasthan News: धौलपुर शहर के पर्यटन स्थल के रूप में विख्यात मचकुण्ड स्थित सरोवर इन दिनों गंदगी से अटा पड़ा है, जिससे यहां आने वाले लोग दुर्गंध की वजह से दूरी बना रहे हैं. एक तरफ पीएम मंदिर परिसरों की सफाई पर जोर दे रहे हैं, जबकि यहां उलट ही नजारा दिखाई दे रहा है. यहां साफ-सफाई नहीं होने से मचकुंड के घाटों पर चारों तरफ गंदगी फैली हुई है. परिसर में बने मंदिरों के आसपास भी गंदगी एकत्र हो रही है. ऐसे में भक्तों को आनंदित करने वाला परिसर ही दुर्गंध दे रहा है, जिससे पर्यटकों के साथ आमजन भी निराश है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जिम्मेदारों की लापरवाही का नतीजा 
शहर के ऐतिहासिक तीर्थ स्थल मचकुंड सरोवर को अव्यवस्था की नजर लग गई है. देखरेख करने वालों का ध्यान नहीं है, लेकिन यहां के सरोवर में गंदगी होने के कारण दुर्गंध उठ रही है. नगर परिषद की साफ-सफाई व्यवस्था फेल होने के कारण यहां लोगों का आना-जाना कम हो गया है. एक समय में शाम होते ही सरोवर लाइटों से खिल जाता था, लेकिन लाइटें अपनी रोशनी ही छोड़ गई. अब कोई इसकी देखरेख करने वाला ही नहीं है. नगर परिषद ने सरोवर में लाइटिंग के लिए 7 बोटिंग सतरंगी लाइटों की व्यवस्था की थी, लेकिन पांच महीने से बोट की रफ्तार की धारा ही नहीं बह सकी. सरोवर में पानी गंदा होने से अब यहां कम ही लोग आते हैं. 


शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
लाड़ली जगमोहन मंदिर के महंत कृष्ण दास ने बताया कि कई बार साफ-सफाई को लेकर जिम्मेदारों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं देता है. ऐसे में अब सरोवर के गंदे पानी से दुर्गंध आने लगी है. उन्होंने बताया कि मचकुण्ड परिसर में साफ-सफाई के लिए पहले ठेका की व्यवस्था थी, तो यहां पर सफाई कर्मचारी भी ज्यादा थे, लेकिन अब नगर परिषद ने ठेका प्रणाली को समाप्त करके यहां पर 6 सफाई कर्मचारियों को लगा रखा है, जिसमें 4 कर्मचारी परिसर को साफ करेंगे और 2 कर्मचारी सरोवर के पानी की साफ-सफाई के लिए लगाए गए थे, लेकिन यहां की सफाई सिर्फ कागजों में चल रही है. हकीकत में तो यहां पर दुर्गंध उठ रही है. जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण दुर्दशा बिगड़ती जा रही है.


ये भी पढ़ें- Jhunjhunu: ACB के निशाने पर SMS के डॉ. रंजन लांबा, निजी ठिकानों पर छापेमारी जारी