Dholpur News: नाटक के माध्यम से छात्राओं को दिया गया दहेज प्रथा को दूर करने का संदेश
राजस्थान के धौलपुर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार संचालित अभियान ’इंपावरमेंट ऑफ सिटीजनस थ्रो लीगल अवेयरनेस एण्ड आउटरीच’’ एवं ’’हक हमारा भी तो है’’ के अनुक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धौलपुर द्वारा राजकीय उच्च. माध्य. विद्यालय इन्फैन्ट धौलपुर में सुनीता मीणा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धौलपुर की अध्यक्षता में खास कार्यक्रम आयोजित हुआ.
Dholpur News: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार संचालित अभियान ’इंपावरमेंट ऑफ सिटीजनस थ्रो लीगल अवेयरनेस एण्ड आउटरीच’’ एवं ’’हक हमारा भी तो है’’ के अनुक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धौलपुर द्वारा राजकीय उच्च. माध्य. विद्यालय इन्फैन्ट धौलपुर में सुनीता मीणा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धौलपुर की अध्यक्षता में खास कार्यक्रम आयोजित हुआ.
यहां समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों के विरूद्ध जागरूकता हेतु ’’दहेज प्रथा विषय’’ पर स्कूली बच्चों द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया.
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कार्यक्रम के दौरान प्राधिकरण की सचिव सुनीता मीणा द्वारा बच्चों को जानकारी देते हुए बताया कि समाज में व्याप्त दहेज प्रथा एवं बाल विवाह जैसे कुप्रथाओं के मुद्दे गम्भीर और विचारणीय है. आज भी समाज में दहेज प्रथा एवं बाल विवाह आयोजन के घटनाएं देखने और सुनने को मिल जाती है. हम सभी को मिल-जुलकर समाज में व्याप्त बुराईओं को दूर करने में सहयोग करना चाहिए. बाल विवाह के संबंध में उन्होंने बताया कि बालिका की आयु 18 वर्ष एवं बालक की आयु 21 वर्ष से पूर्व करना बाल विवाह की श्रेणी में आता है.
बाल विवाह की रोकथाम हेतु हमारे छात्र-छात्राएं भी अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं. बाल विवाह की रोकथाम हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमजन में जन जागृति उत्पन्न कर ऐसे आयोजनों को रोका जा सकता है. उन्होंने बताया कि बाल विवाह से बच्चों के मूलभूत अधिकारों का हनन होता है.
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बाल विवाह के कारण लड़का-लड़की दोनों का शारीरिक और मानसिक विकास रूक जाता है, जिससे बच्चे बाल अधिकारों (जीवन जीने, विकास, सहभागिता, सुरक्षा इत्यादि) से वंचित रह जाते हैं तथा शारीरिक एवं मानसिक रूप से परिपक्व न होने व कम उम्र में बालिका के गर्भधारण करने से शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर जैसे गंभीर परिणाम देखे जा सकते हैं. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत जो भी व्यक्ति, व्यक्तिगत तथा सामूहिक रूप से बाल विवाह करायेगा या किसी भी रूप में शामिल होगा सभी कानून के दायरे में आयेंगे. बाल विवाह करने पर 2 साल की कैद या 1 लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों सजाओं का प्रावधान है.
बाल विवाह आयोजन की सूचना मिलने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धौलपुर के दूरभाष नंबर 05642-294300 मोबाइल हेल्पलाइन का नंबर 8306002115 पर कार्यालय समय में सूचना दी जा सकती है. इसके अलावा बाल विवाह के संबंध में जिला अथवा संबंधित उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, पुलिस थाना एवं ताल्लुका विधिक सेवा समिति (न्यायालय परिसर बाडी/राजाखेडा) के कार्यालय में सूचना देकर बाल विवाह को रूकवाया सकता है, सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाता है. इसके अलावा उन्होंने बच्चों को साइबर क्राइम जैसे अपराधों से बचने के विभिन्न उपायों सहित बच्चों से संबंधित विधिक अधिकारों के बारे में अवगत कराया. विद्यालय के प्रिंसिपल राघवेन्द्र शर्मा द्वारा भी अपने विचार व्यक्त कर बच्चों को जागरूक किया
कार्यक्रम के दौरान इन्फैन्ट विद्यालय की छात्राओं वन्दना प्रजापति, वन्दना राठौर, मनू प्रजापति, ममता कुमारी, सलोनी की टीम द्वारा दहेज प्रथा विषय पर नाटक के माध्यम से अभिनय करते हुए सामाजिक बुराई को दूर करने का आव्हान किया.
Reporter- Bhanu Sharma