Dholpur News: धौलपुर बाढ़ आपदा प्रबंधन को लेकर जिला कलेक्ट्रेट में हुई बैठक, बिगड़े हालातों पर हुई चर्चा
Dholpur News: धौलपुर जिले में बारिश का दौर तो थम गया है, लेकिन जिले में 2 दिन हुई मूसलाधार बारिश के बाद शुक्रवार सुबह धूप निकली. प्रभारी सचिव पी रमेश ने जिले के विभिन्न विभाग के अधिकारियों की बैठक कर की शहर में बाढ़ के हालातों पर चर्चा की.
Dholpur News: धौलपुर जिले में बारिश का दौर तो थम गया है. वहीं जिले में 2 दिन हुई मूसलाधार बारिश के बाद शुक्रवार सुबह धूप निकली. 2 दिन तक हुई बारिश के बाद मौसम साफ होने पर बांधों और नदियों में पानी की आवक तेज हुई है. धौलपुर से गुजर रही चंबल नदी खतरे के निशान से 3.71 मीटर ऊपर बह रही है.
प्रभारी सचिव ने ली समीक्षा बैठक
जिले में हो रहे जलभराव के बाद प्रभारी सचिव पी रमेश ने जिला कलेक्ट्रेट में सभी विभागों के अधिकारियों की बारी बारी से बैठक ली. बैठक में खराब सड़क व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई के अधिकारियों को फटकार लगाई.
लगातार हो रही बारिश ने बढ़ाई मुश्किल
इस सीजन में धौलपुर जिले में अब तक 1063.50 एमएम बारिश हो चुकी है, जो सामान्य बारिश से 63.62 प्रतिशत अधिक है. पिछले दो दिन तक हुई मूसलाधार बारिश के बाद जिले के सभी बांध ओवरफ्लो हैं. जिसके चलते पार्वती बांध के 16 गेट खोलकर करीब 30 हजार क्यूसेक पानी निकाला गया था. फिलहाल सभी गेट बन्द है. पार्वती बांध से छोड़े गए पानी के बाद कई गांव का संपर्क एक दूसरे से कट गया. गांव में बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए अलवर से सेना के 71 जवान धौलपुर बुलाए गए हैं.
टीमें अलर्ट पर
सेना के 71 जवान एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाएंगे. पिछले दो दिन में बारिश के चलते तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 10 पशुओं को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. कलेक्टर प्रभारी सचिव की बैठक के दौरान जिला कलेक्टर ने शहर में मौजूद छितरीया ताल के पानी को उपयोग में लेने की बात कही. जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी ने कहा कि छितरिया ताल के पानी की वजह से ही शहर में जलभराव के हालात हैं. ऐसे में ताल के पानी को उपयोग में लेने के लिए निर्देश दिए गए हैं.
बैठक में दी गई जानकारी
आपदा बैठक के दौरान कृषि विभाग ने नुकसान की जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सबसे अधिक फसलों का नुकसान सैंपऊ के 23 और बसेड़ी के 7 गांव में हुआ है. उन्होंने बताया कि सैंपऊ क्षेत्र में करीब 1300 हेक्टेयर में बोई गई बाजरे की फसल के नुकसान का आंकलन किया गया है. वहीं जिले में दूसरी जगह हुई फसलों के नुकसान के आंकलन के लिए अधिकारियों को फील्ड में भेजा गया है.
257 लोगों का किया गया रेस्क्यू
कलेक्ट्रेट में हुई बैठक के दौरान जिला कलेक्टर ने बताया कि पिछले दो दिन तक हुई बारिश के बाद जलभराव वाले क्षेत्र से 257 लोगों का रेस्क्यू किया गया है. जिन्हें रेस्क्यू करने के बाद आवास और भोजन की सुविधा दी गई है. उन्होंने बताया कि जलभराव की वजह से अलग-अलग हादसों में 17 लोग भी घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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