बुझी हुई उम्मीदों का सहारा बनें धौलपुर के अनिल, पहले 350 तो अब 101 बेटियों का 12 फरवरी को कराएंगे विवाह
धौलपुरः धौलपुर के समाजसेवी अनिल अग्रवाल गरीब व निर्धन बेटियों के परिजनों का सहारा बनें हुए हैं, अब तक 350 बेटियों का विवाह अपने खर्चे से करवा चुके हैं, तो वहीं 101 बेटियों की शादी 12 परवरी 2023 को कराने की तैयारी में है. इन शादियों में पूरा परिवार और उनके मित्र ऐसे शामिल होते हैं जैसे खुद उनकी घर के बेटी की शादी हो.
Dholpur: धौलपुर के एक समाजसेवी अनिल अग्रवाल जिनका उद्देश्य अनाथ गरीब निराश्रित परिवारों का संबल बनकर उनका घर का गुजर बसर करना है, तो वहीं ऐसी कन्याएं जो अनाथ हैं, या फिर जिनका परिवार में कोई भाई नहीं, पिता नही हैं, उन बहनों को बीहड़ एरिया, डांग व जंगल में तलाशकर उनके लिए वर तलाश कर पूरी शादी कराकर कन्यादान करते हैं. पूरा परिवार उनकी शादी में ऐसे शामिल होता है. जैसे की उनके खुद के घर की बहन बेटी की शादी हो. फिर से ऐसा मौका 12 फरवरी 2023 को आएगा, जहां करीब 101 अनाथ गरीब जरुरतमंद बहनों की खोज पूरी कर उनकी शादी के लिए दहेज के सामान के साथ-साथ उनके विवाह की तैयारियां में दिल जान से लगे हुए हैं.
सहयोगी मित्र तलाश में घूम रहा डांगों में
समाजसेवी अनिल अग्रवाल के दोस्त धर्मेंद्र शर्मा जो कि बीहड, डांग व जंगलों में उनके साथ ऐसी जगह पहुंचते हैं,
14 साल से ये कारवां जारी
समाजसेवी अनिल अग्रवाल 14 साल से बीहडों में डांग में ये गांव-गांव ढाणी जाकर कन्यााएं ऐसी देखते हैं, जो निराश्रित हों. 13 साल पहले करौली मैया मंदिर में दिव्यांग का कैंप लगाया था. उसमें 360 विकलांगों को जंगल में जाकर ढूंढा. जिसमें 160 विकलांग ऐसे थे, जिनके पैर कटे हुए थे. लगभग 400 से अधिक परिवारों को 50 किलो प्रति माह गेहूं भेजते हैं.
डांग व जंगल में गरीबों को बनवाए आशियाना
करीब 100 से अधिक बीहड डांग व जंगल में रह रहे लोगों के लिए घर का सपना पूरा किया. रोजगार के लिए सैंकड़ों परिवार को बकरियां बच्चे वाली देते हैं. रोजगार के लिए डांग के लोगों को गाय भैंस आजीविका के लिए देते हैं. ज्यादा जरुरतमंद को छोटी छोटी गुमटियां खुलवाकर रोजगार शुरु कराते हैं.
गरीब निर्धन बच्चों के पढाई में भी करते हैं खर्च
अनिल अग्रवाल मूल रूप से धौलपुर के निवासी हैं जो हाल आगरा, जयपुर निवासी, समाजसेवी अनिल अग्रवाल सैंकड़ों ऐसे अनाथ निर्धन बच्चो की पढाई के लिए खर्चा, कोचिंग व क्लास का वहन करते आ रहे हैं. जिसमें से एक ऐसी बच्ची बाड़ी निवासी शहनाज को निशुल्क पढ़ाई का जिम्मा उठाया, जो आज वो ही शहनाज धौलपुर में शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यपक बन चुकी हैं.
सामूहिक विवाह सम्मलेन के आयोजक अनिल अग्रवाल ने बताया कि उनका परिवार शुरू से समाज सेवा में रहा है.अनिल ने कहा कि पूर्व में उनका परिवार काफी गरीब हुआ करता था. ऐसे में बेटियों की शादी के दर्द को परिवार ने महसूस किया था. अग्रवाल ने बताया कि उनके द्वारा धौलपुर जिले में खासकर डांग क्षेत्र में गरीब,निर्धन जिनके माता पिता और भाई नहीं है.
उन बच्चियों को तलाश कर रिश्ते तय कराये जाते है। सामूहिक विवाह सम्मलेन में हिन्दू धर्म मुस्लिम धर्म और सिख धर्म की कन्याओ के रिश्ते तय कराते है, जिनका तीर्थराज मचकुण्ड को साक्षी मानकर पारम्परिक रीति रिजाव के मुताबिक़ विवाह संपन्न कराते है. अनिल अग्रवाल जिले में अभी तक 6-7 बड़े आयोजन करा चुके हैं. जिनमे सभी धर्म की 350 बच्चियों की शादी निजी खर्चे पर करा चुके हैं. समाजसेवी अनिल ने बताया उनका परिवार होली, दिवाली,जन्मदिन शादी आदि पर कभी खर्च नहीं करता है. समाज की गरीब निर्धन और जिनके माता पिता नहीं है. ऐसी बेटियों को चिन्हित कर विवाह कराया जाता है.
Reporter- Bhanu Sharma