राजस्थान को मिलेगी बिजली संकट से राहत, धौलपुर में चार साल से बंद पड़ा थर्मल पावर प्लांट शुरू
Dholpur News: धौलपुर चार साल से बंद पड़ा थर्मल पावर प्लांट अब हुआ शुरू, बिजली संकट से मिलेगी राहत, राज्य सरकार के निर्देश पर महज 20 दिन शुरू की 110 मेगावाट की पहली इकाई
Dholpur News: धौलपुर शहर में पुरानी छावनी स्थित करीब चार साल से बंद पड़ा धौलपुर कंबाइंड साइकिल पावर परियोजना की एक इकाई वापस शुरू हो गई। यह इकाई 110 मेगावाट की है जबकि प्लांट की क्षमता 330 मेगावाट है जिसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 7.92 मिलियन यूनिट प्रतिदिन है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में विद्युत आपूर्ति की मांग बढऩे पर राज्य सरकार ने गत दिनों गैल इण्डिया से गैस उपलब्ध करवा कर परियोजना को चालू करवाने के निर्देश दिए थे। पहली इकाई के शुरू होने से राज्य को अतिरिक्त बिजली मिल सकेगी। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि. (आरवीयूएन) के अधिकारियों का कहना है कि दो अन्य इकाइयों इसी माह के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा
आरवीयूएन के अधिकारी ने बताया कि धौलपुर गैस आधारित परियोजना के लिए गैस आधारित है। स्पॉट गैस की व्यवस्था के लिए आरवीयूएन ने 1 जनवरी 2026 तक के लिए गत 29 जुलाई 2020 में गैस इण्डिया के साथ एक स्पॉट गैस बिक्री समझौता (एसजीएसए) किया था। लेकिन साल 2020 में गैस की कीमत महंगी होने और गैल इण्डिया की ओर से धौलपुर के 330 मेगावाट गैस आधारित विद्युत परियोजना के लिए गैस उपलब्ध नहीं करवाने से यह विद्युत परियोजना बॉक्स अप कंडीशन में थी। लेकिन गत दिनों राजस्थान में विद्युत आपूर्ति की मांग बढऩे पर राज्य सरकार ने प्लांट को वापस शुरू करने के निर्देश दिए। जिस पर आरवीयूएन के अधिकारियों ने गैल इण्डिया से वार्ता कर गैस उपलब्ध करवाई। इधर, आरवीयूएन की स्थानीय टीम ने सरकार से निर्देश मिलने के बाद महज 20 दिन में प्लांट की एक इकाई को शुरू कर दिया। 110 मेगावाट क्षमता की इकाई की शुरुआत आरवीयूएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके शर्मा की अध्यक्षता में हुआ
16 हजार घरों को जगमग कर सकता है प्लांट:
पुरानी छाबनी स्थित प्लांट करीब 143 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है। पीछे की तरफ प्लांट है जबकि आगे अधिकारी व कर्मचारियों के आवास कॉलोनी है। प्लांट में 110 मेगावाट की तीन उत्पादन यूनिट हैं जिनसे प्रतिदिन 7.92 मिलियन यूनिट बिजली पैदा की जा सकती है। इससे एक माह में 500 यूनिट खर्च करने वाले 16 हजार घरों को आपूर्ति की जा सकती है।
वहीं, प्लांट को वर्ष 2009-10 को देश में गैस से संचालित प्लांटों में से धौलपुर स्टेशन ने बिजली उत्पादन में दूसरा स्थान प्राप्त किया था। इसके अलावा इस प्लांट को राजस्थान के बेस्ट पावर प्लांट के सम्मान भी मिल चुका है। साथ ही वर्ष 2014 व 2015 में इसने ऊर्जा बचत के क्षेत्र में सम्मान भी हासिल किया है
2007 में शुरू हुई थी परियोजना:
धौलपुर कंबाइंड साइकिल पावर परियोजना की पहली इकाई मार्च 2007 में शुरू हुई जो 110 मेगावाट की थी, जो गैस टरबाइन आधारित है। दूसरी इकाई जून 2007 और तीसरी इकाई भी साल 2007 में ही शुरू हो गई। ये भी110-110 मेगावाट की थी। गैस आधारित शक्ति स्टेशन की अनुमोदित क्षमता 330 मेगावाट है
चार साल से बंद पड़ी थी करोड़ों की परिेयोजना:
धौलपुर शहर के पास स्थापित धौलपुर कंबाइंड साइकिल पावर प्रोजेक्ट करीब तीन साल से बंद पड़ा था। जबकि इसके बनाने पर करीब 1100 करोड़ रुपए की लागत आई थी। परियोजना गैस आधारित होने से की वजह से बाद में समस्या आने लगी। इसकी वजह गैल इण्डिया से महंगी गैस मिलना रहा। इससे बाद में परियोजना बंद हो गई। गैस से बिजली उत्पादन की लागत महंगी होने से बाद में संचालन एजेंसी राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि.ने बंद कर दिया
प्लांट में प्रति माह हो रहा था लाखों का खर्चा:
वर्तमान में इस परियोजना में सैकड़ों कार्मिक तैनात हैं, जिन पर लाखों रुपए खर्च हो रहा था जबकि इनका उपयोग नहीं हो पा रहा था। प्लांट में करीब 80 से 100 कर्मचारी व अधिकारी और 200 संविदा कर्मचारी कार्यरत है प्लांट की नियमित देखरेख भी की जाती है। हाल में प्लांट की चारदीवारी को सुरक्षा कारणों के चलते ऊंचा किया गया था
ये भी पढ़ें
रहस्य: इस जगह पर हुई थी भगवान गणेशजी की उत्पत्ति,आज भी हैं भगवान शिव की आंखों के निशान मौजूद!