Dholpur: डीजे कोर्ट ने वर्ष 2017 में एक गर्भवती महिला और उसके गर्भ में दो नवजातों की मौत के लिए तीन डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर जुर्माना लगाया है. पीड़ित पक्ष के वकील राहुल दुबे और पप्पू गुर्जर ने बताया कि वर्ष 2017 में बसेड़ी थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव की रहने वाली प्रीति पत्नी रविंद्र को देर रात को 2 बजे प्रसव कराने के लिए जिला अस्पताल लाया गया था, जहां इमरजेंसी में तैनात डॉ. अनुज गुप्ता ने प्रसूता की हालत खराब होने के बाद भी किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को सूचना नहीं दी. 


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इमरजेंसी डॉक्टर ने उसे सीधे मेटरनिटी वार्ड में भेज दिया. करीब 3 घंटे बाद प्रसूता को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिला अस्पताल में सुबह 8 बजे तक दर्द से कराती महिला को सुबह 8:30 बजे डॉक्टरों ने ग्वालियर रेफर कर दिया, जहां रास्ते में महिला और उसके पेट में दोनों नवजात शिशुओं की मौत हो गई. महिला को समुचित इलाज ना देने के चलते लापरवाही मानते हुए न्यायालय ने डॉक्टर आरडी गर्ग, डॉ. अनुज गुप्ता और तत्कालीन पीएमओ पर 19 लाख 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.


जिला न्यायाधीश रीटा तेजपाल ने महिला के पति रविंद्र सिंह को जुर्माना राशि में 6 फीसदी ब्याज के साथ जुर्माना राशि देने के निर्देश दिए हैं. न्यायालय ने कहा कि वो दर्द के साढ़े तीन घंटे प्रसूता और बच्चों ने कैसे काटे होंगे. जिला न्यायाधीश रीटा तेजपाल ने चिकित्सा विभाग की लापरवाही और उपेक्षा के कारण मृतका प्रीति के उसके दो गर्भस्थ शिशुओं की मृत्यु हुई है, जिसकी मानसिक वेदना और पीड़ा मृतका के परिजनों को इतनी हुई होगी, जिसको शब्दों में लिखना संभव नहीं है.


Reporter: Bhanu Sharma


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