डूंगरपुर के सरकारी स्कूलों के भवन हो रहे जर्जर, समसा ने किया सर्वे
कलेक्टर के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने जर्जर भवनों और कक्षा-कक्षों का सर्वे करवाया है. सर्वे में 3 हजार 545 कक्षा कक्ष जर्जर निकले है, जिसमे से एक हजार 40 जर्जर कक्षा-कक्ष में बच्चो के जीवन को खतरे में डालकर कक्षा भी चलाई जा रही हैं.
Dungarpur: सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा के साथ सुविधाओं के दावे करती हो लेकिन प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में सरकारी स्कूलों के भवन जर्जर हो रहे हैं. वहीं, विभागीय लापारवाही के चलते देश का भविष्य कहे जाने वाले नौनिहाल अपना जीवन संकट में डालकर इन जर्जर भवनों में अध्ययन करने को मजबूर हैं. कलेक्टर के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने जर्जर भवनों और कक्षा-कक्षों का सर्वे करवाया है. सर्वे में 3 हजार 545 कक्षा कक्ष जर्जर निकले है, जिसमे से एक हजार 40 जर्जर कक्षा-कक्ष में बच्चो के जीवन को खतरे में डालकर कक्षा भी चलाई जा रही हैं.
जिले में बारिश के मौसम में जर्जर स्कूल भवन और कक्षा कक्ष होने की शिकायत आम सी हो गई है. आए दिन इन जर्जर भवन और कक्षा-कक्षों का प्लास्टर गिरने की घटनाएं भी हो रही है. इन्हीं हादसों को देखते हुए डूंगरपुर कलेक्टर डॉ इन्द्रजीत यादव ने शिक्षा विभाग के जिला परियोजना समन्वयक (समसा) को जिले के जर्जर कक्षा-कक्षों के सर्वे करवाने के निर्देश दिए थे. इन्ही निर्देशों की पालना में समसा की तकनिकी अधिकारियों की टीम ने डूंगरपुर जिले के स्कूलों के 12,767 कक्षा-कक्षों का सर्वे किया. इस सर्वे में चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. सर्वे में 12,767 कक्षा-कक्षों में से 3 हजार 545 कक्षा-कक्ष जर्जर निकले है, जिसमे से 3 हजार 545 कक्षा-कक्ष जर्जर अवस्था में निकले हैं. वहीं, 343 कक्षा कक्षों को विभाग द्वारा जर्जर घोषित किया गया है.
1040 कक्षा-कक्ष जर्जर होने के बाद भी चल रही कक्षाएं
इधर, शिक्षा विभाग के सर्वे में एक बड़ी लापरवाही भी सामने आई है. शिक्षा विभाग के समसा की ओर से किए गए सर्वे में जर्जर होने के बावजूद 1040 कक्षा-कक्षों में शिक्षा विभाग द्वारा कक्षाए चलाई जा रही हैं, जहा पर देश का भविष्य कहे जाने वाले नौनिहाल अपना जीवन संकट में डालकर इन जर्जर भवनों में अध्ययन करने को मजबूर हैं.
कलेक्टर व विभाग ने भेजे बजट के लिए प्रस्ताव
डूंगरपुर जिले के समसा के जिला परियोजना समन्वयक रणछोड़ डामोर ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर जर्जर भवनों और कक्षा-कक्षों का सर्वे करवाया गया था. उस सर्वे में 100 स्कूलों के जर्जर कक्षा-कक्षों की मरम्मत के लिए 3 करोड़ 87 लाख के बजट का प्रस्ताव बनाकर जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के आयुक्त को भिजवाया गया है. वही समसा की ओर से शिक्षा विभाग को 72 स्कूलों के जर्जर कक्षा-कक्षों के लिए 3 करोड़ 25 लाख के प्रस्ताव बनाकर भेजे गए हैं.
बहराल डूंगरपुर कलेक्टर व समसा की ओर जर्जर भवनों व कक्षा-कक्षों की मरम्मत के लिए करोड़ों के प्रस्ताव बनाकर भिजवाएं गए हैं. खैर अब देखने वाली बात होगी की प्रशासन द्वारा भिजवाए गए ये प्रस्ताव कब तक स्वीकृत हो पाते हैं या यूं ही बच्चे इन जर्जर भवनों और कक्षा-कक्षों में अपना जीवन खतरे में डालकर पढ़ते रहेंगे.
Reporter- Akhilesh Sharma
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