Aspur: डूंगरपुर जिले की साबला पंचायत समिति की ग्राम पंचायत साबला की महिला मनरेगा श्रमिकों ने मजदूरी तय करने में भेदभाव करने का आरोप लगाया है.  इसी के चलते महिला मनरेगा श्रमिकों ने पंचायत के बाहर प्रदर्शन दिया. वहीं सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और मेटो पर अपने चहेते श्रमिकों की मजदूरी ज्यादा और अन्य श्रमिकों की मजदूरी कम तय करने के आरोप लगाए. वहीं श्रमिकों ने साबला बीडीओ के मामले की शिकायत भी की हैं.


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साबला पंचायत समिति की ग्राम पंचायत साबला में नरेगा कार्य में महिला मजदूरों के साथ भेदभाव करने को लेकर महिला मजदूरों ने साबला विकास अधिकारी सुनील शाह को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में महिला मजदूरों ने बताया कि साबला पंचायत की ओर से श्मशान मार्ग पर सड़क बनाने का कार्य किया जा रहा है. उक्त कार्य में काफी सारे श्रमिक कार्य कर रहे है जिसमें महिलाएं और पुरुष साथ में कार्य कर रहे है लेकिन मेटो द्वारा काम मापने में भेदभाव किया जा रहा हैं. महिला मनरेगा श्रमिकों ने बताया कि कार्य में आधे श्रमिकों की राशि प्रतिदिन 220 रुपये के हिसाब से आई है और बहुत-सी महिलाओं श्रमिकों की राशि मात्र 170 रुपये आई है.


महिला मनरेगा श्रमिकों ने साबला पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी मधुसूदन पारिक, साबला सरपंच देवीलाल भगोरा और मेटो पर अपने चहेते श्रमिकों को अधिक मजदूरी देने के आरोप लगाए है. महिला श्रमिकों द्वारा साबला पंचायत समिति के विकास अधिकारी को ज्ञापन दिया गया है. ज्ञापन में महिला मनरेगा श्रमिकों ने मामले की जांच करवाकर कार्रवाई की मांग की है, वहीं उन्हें उनके काम का पूरा दाम दिलाने की भी मांग की गई है. महिलाओं ने मांग पूरी नहीं होने पर डूंगरपुर कलेक्ट्रेट के बाहर धरना-प्रदर्शन की भी चेतावनी दी है. 


Reporter: Akhilesh Sharma


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