डूंगरपुर विधायक ने नगरपरिषद में लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, कहा पैसों वालो को ही मिल रहे पट्टे, गरीब लोग काट रहे चक्कर
डूंगरपुर विधायक गणेश घोगरा ने शनिवार को सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता करते हुए डूंगरपुर नगरपरिषद व सभापति अमृतलाल कलासुआ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. नगरपरिषद में प्रशासन शहरो के संग अभियान, कैचमेंट में अवैध निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार चरम पर है. मुद्दे को विधानसभा में उठाने की भी बात कही है.
Dungarpur News: डूंगरपुर नगरपरिषद सभापति अमृतलाल कलासुआ द्वारा उनके 2 साल का कार्यकाल होने पर आयोजित समारोह में राज्य सरकार पर प्रशासन शहरो के संग अभियान के माध्यम से निकायों की आर्थिक स्थिति कमजोर करने व विधायक पर विकास कार्यो में अडंगा लगाने के आरोप लगाए थे. इन्ही आरोपों को जवाब देने के लिए डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोगरा ने आज सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता की.
पत्रकार वार्ता के दौरान विधायक गणेश घोगरा ने डूंगरपुर नगरपरिषद व सभापति अमृत कलासुआ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये है. उन्होंने कहा की नगरपरिषद में भ्रष्टाचार चरम पर है. कांग्रेस सरकार की ओर से आमजन को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन शहरो के संग अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन डूंगरपुर नगरपरिषद के भाजपा बोर्ड व सभापति को लोगो का कम लागत में हो रहा काम पच नहीं रहा है.
पहले इन्ही कामो के लिए डेढ़ से दो लाख नगरपरिषद वसूलती थी वही अभियान शुरू होने से उन्हें कुछ नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अभियान के तहत नगरपरिषद में पट्टा वितरण का कार्य भी धीमी गति से चल रहा है. वहीं, पैसे वाले लोगों को तो पट्टा मिल रहा है, लेकिन जो गरीब लोग पैसे नहीं दे सकते उन्हें अपने पट्टो के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा की सभापति के भ्रष्टाचार व आम लोगो के काम नही होने से खुद भाजपा के पार्षद व कार्यकर्ता परेशान है.
मिलीभगत से हो रहे कैचमेंट में अवैध निर्माण
इधर इस मौके पर विधायक गणेश घोगरा ने कहा कि डूंगरपुर नगरपरिषद में मिलीभगत की चलते गेपसागर झील के कैचमेंट एरिया में अवैध निर्माण जोरो पर चल रहा है. लेकिन नगरपरिषद के सभापति व कार्मिक इन अवैध निर्माणों पर आँखे मूंदे हुए है.
विधानसभा में उठाएंगे नगरपरिषद के भ्रष्टाचार के मुद्दे
इधर विधायक गणेश घोगरा ने कहा की नगरपरिषद में भ्रष्टाचार चरम पर पहुँच चूका है. टेंडर व नीलामी में गड़बड़ी सहित भ्रष्टाचार के अन्य मुद्दों को विधानसभा में उठाएंगे और सरकार से इसकी जांच की मांग करेंगे.