Dungarpur News: 2 साल में 2314 वन्यजीवों की संख्या हुई कम, 3 लेपर्ड, सारस और गिद्ध गायब
Dungarpur News: डूंगरपुर जिले में वन्यजीव गणना के बाद वन्यजीवों के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. 2 साल बाद हुई वन्यजीव गणना में 2 हजार 314 वन्य जीवों की संख्या घट गई है. सबसे ज्यादा मोर की संख्या कम हो गई है, जबकि 3 लेपर्ड घटे हैं. गिद्ध और सारस इस बार दिखे ही नहीं हैं.
Dungarpur News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में वन्यजीव गणना के बाद वन्यजीवों के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. 2 साल बाद हुई वन्यजीव गणना में 2 हजार 314 वन्य जीवों की संख्या घट गई है. सबसे ज्यादा मोर की संख्या कम हो गई है, जबकि 3 लेपर्ड घटे हैं. गिद्ध और सारस इस बार दिखे ही नहीं हैं. ऐसे में डूंगरपुर के वन्यजीव प्रेमियों में निराशा है. हालांकि वन विभाग कमी के पीछे इस वर्ष कम वाटर होल्स पर वन्यजीव गणना होना कारण बता रहा है.
23 मई को हुई वन्य जीव गणना के आंकड़े सामने आए हैं. 2022 के बाद इस बार हुई वन्यजीव गणना में बड़ी संख्या में वन्यजीवों की कमी देखी गई है. सबसे बड़ा असर मोरों की गणना पर दिखाई दिया. 2022 की तुलना में इस बार 1 हजार 96 मोर कम हो गए हैं. जबकि डूंगरपुर के वन क्षेत्र मोर से भरे रहते हैं. इससे पहले हर बार वन्य जीव गणना में मोर की संख्या बढ़ी है. इस बार 2 हजार 467 मोर गणना में सामने आए हैं.
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वहीं लेपर्ड की संख्या में भी कमी देखने को मिली है. 2 साल में 3 लेपर्ड काम हुए हैं. इस बार 3 मादा, 7 बच्चे समेत 18 लेपर्ड दिखाई दिए हैं. जबकि 2022 में 21 लेपर्ड थे. वहीं 2022 की वन्यजीव गणना में दिखाई दिए सारस और गिद्ध इस बार गायब हो गए हैं. 8 सारस और 16 गिद्ध 2 साल पहले दिखे थे. वन्यजीवों की चिंताजनक है. वहीं वन प्रेमियों में भी निराशा है.
65 की जगह 38 वाटर हॉल पर हुई गणना
डीएफओ रंगास्वामी ने बताया कि इस बार पानी की कमी की वजह से 38 वाटर हॉल पर ही वन्यजीव गणना की गई. जबकि हर साल 65 वाटर हॉल पर वन्यजीव गणना की जाती है. पानी और वाटर हॉल की कमी की वजह से भी वन्यजीव गणना में कम नजर आए हैं. वहीं कई वन्यजीव गिनती में नजर ही नहीं आए हैं.
बरहाल डूंगरपुर जिले में 2 वर्ष बाद हुई वन्यजीव गणना के आंकड़ों में कमी नजर आई है. वहीं आंकड़ों में कमी के पीछे वन विभाग का अपना तर्क है, लेकिन ये भी सच्चाई है कि जिले के वन क्षेत्र में पानी नहीं होने से वन्य जीवों के जीवन संकट में हैं. वहीं वन विभाग अपने सभी 65 वाटर होल्स पर पानी उपलब्ध करवाने में नाकाम साबित हो रहा है. यही कारण रहा कि विभाग 65 की जगह 38 वाटर होल्स पर वन्यजीव गणना करवा पाया.