Dungarpur News:  डूंगरपुर से सटे पड़ोसी राज्य गुजरात में शराब पर रोक है. यही वजह है की राजस्थान से डूंगरपुर के रास्ते सबसे ज्यादा शराब तस्करी गुजरात में होती है. पुलिस की ओर से इस पर कार्रवाई भी होती है, लेकिन शराब तस्कर हमेशा तस्करी के लिए नए रास्ते अपनाते रहते है. डूंगरपुर पुलिस ने 7 महीने  साढ़े 3 करोड़ रुपए की शराब पकड़ी है. इसमें सबसे बड़ी कार्रवाई बिछीवाड़ा पुलिस की ओर से गुजरात बॉर्डर के पास की गई है.


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बॉडी-एसपी कुंदन कवरिया ने बताया की डूंगरपुर पड़ोसी गुजरात राज्य से सटा हुआ है. गुजरात में शराब पर प्रतिबंध है. बावजूद शराब तस्कर मोटे मुनाफे के लिए गुजरात में शराब की तस्करी करते है. इस पर रोक लगाने के लिए पुलिस की ओर से सख्ती भी बरती जा रही है.


उन्होंने बताया की इस साल में अब तक 422 कार्रवाई की गई है इसमें सबसे ज्यादा 43 हजार 484 बोतल शराब पकड़ी गई है. सबसे ज्यादा अंग्रेजी शराब की 31 हजार 971 बोतल हैं. जबकि 160 बोतल देशी शराब और 2 हजार 617 बोतल हथकसी शराब है. हालाकि देशी शराब स्थानीय स्तर पर ही लोग इस्तेमाल करते है. 


पुलिस की ओर से पकड़ी गई इस शराब की बाजार कीमत करीब 3 करोड़ 50 लाख रुपए बताई जा रही है. पुलिस ने इस कार्रवाई में 28 बड़ी गाड़िया पकड़ी है. जिनसे शराब तस्करी की बड़ी खेप भी पकड़ी गई. पुलिस ने शराब तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 434 तस्करो को भी गिरफ्तार किया है. इसमें कई बड़े तस्कर है जो शराब को राजस्थान से गुजरात तस्करी के कारोबार में बड़े समय से जुड़े हुए हैं.


पंजाब, हरियाणा सबसे बड़े सप्लायर, हाइवे पर डूंगरपुर से होकर शराब तस्करी का बड़ा रास्ता पुलिस की ओर से पकड़ी गई अवैध शराब में अधिकतर पंजाब, हरियाणा और आंध्रप्रदेश की है. जिसे राजस्थान में भी तस्करी पर प्रतिबंध है. लेकिन पंजाब, हरियाणा की शराब राजस्थान के मुकाबले आधे से भी कम रेट में होने के साथ ही बड़े मुनाफे के लिए तस्करी होती है.


तस्करो के लिए शराब गुजरात तक पहुंचाने का सबसे आसान रास्ता हाइवे ही है. हाइवे पर कम चेकिंग के चलते तस्कर आसानी से गाड़ी पर करने में कई बार कामयाब भी हो जाते है. पंजाब और हरियाणा से डूंगरपुर का रतनपुर बॉर्डर 800 से 1 हजार किलोमीटर दूर है. लेकिन तस्कर कई बार गाड़ी को डूंगरपुर तक ले आते है और बॉर्डर पर गुजरात में प्रवेश से पहले पकड़े जाते है.


बिछीवाड़ा और खेरवाड़ा में तस्करों के अड्डे


डूंगरपुर से सटा गुजरात का बॉर्डर है. ऐसे में तस्करों ने डूंगरपुर में अड्डे बना रखे है. वही उदयपुर का खेरवाड़ा भी 24 किमी ही दूर है. यहा भी शराब तस्कर काफी सक्रिय है. पंजाब, हरियाणा से आने वाली गाड़िया पुलिस की ज्यादा सख्ती को देखकर बिछीवाड़ा और खेरवाड़ा में बनाए अड्डों पर शराब की खेप उतार देते है. इसके बाद इस शराब को छोटी छोटी गाड़ियों में भरकर गुजरात तक तस्करी की जाती है. ताकि पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके. तस्करो ने बिछीवाड़ा के गैड, जाबूडी, मोदर, तलैया, खजुरी, समेत कई जगहों पर अड्डे है. जहा पर तस्कर शराब उतारते है.


कभी कंटेनर तो कभी टेंपो, बाइक से भी तस्करी


शराब तस्करी के लिए तस्कर भी कई तरफ के जुगाड लगाते है. ताकि शराब को बॉर्डर के पर पहुचाई जा सके. पुलिस ने शराब तस्करी करते कई बार ट्रक, कंटेनर के अलावा, ओटो और बाइक भी पकड़ी है.  ट्रक, कंटेनर में प्लास्टिक दाना, पाउडर, इलेक्ट्रोनिक सामान, फल फ्रूट की आड़ में शराब तस्करी के फिराक में रहते है.


बहराल शराब पर रोक लगाने के लिए डूंगरपुर पुलिस की और से सख्त कार्रवाई की जा रही है. तस्करो की गैंग पर निगरानी रखी जा रही है. मुखबिर की सूचना होते ही तस्करों के खिखाफ कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा भी कई बार नाकाबंदी कर गाड़िया पकड़ी है. राजस्थान में इस साल चुनाव है. ऐसे में राजस्थान - गुजरात के सभी एंट्री प्वाइंट पर चैक पोस्ट लगाए गए. इन चेक पोस्ट पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.


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