Dungarpur: डूंगरपुर शहर के श्री लक्ष्मण राजपूत छात्रावास के मालिकाना हक को लेकर राजपरिवार व राजपूत समाज के बीच पिछले 30 मार्च से चल रहा विवाद आज समाज की महापंचायत के रूप में तब्दील हो गया . हजारों की संख्या में जिले भर से राजपूत समाज के लोग महापंचायत में शामिल हुए और श्री लक्ष्मण राजपूत छात्रावास को समाज के नाम पट्टा दिलाए जाने की मांग को लेकर शहर में मौन जुलूस निकाला गया. साथ ही कलेक्टर को ज्ञापन देकर छात्रावास का पट्टा समाज के नाम दिए जाने की मांग रखी.


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शहर के श्री लक्ष्मण राजपूत छात्रावास में आज जिले भर के राजपूत समाज के लोग एकत्रित हुए. इसके साथ ही छात्रावास परिसर में राजपूत समाज की महापंचायत शुरू हुई.  महापंचायत में राजपूत समाज के वक्ताओं ने बताया कि जिले भर के राजपूत परिवारों के गाढ़े पसीने की कमाई से छात्रावास की जमीन खरीदी गई थी और पहले छात्रावास का निर्माण किया गया था.बाद में छात्रावास का संचालन करने के लिए दुकानें बनाई गई थी. जो समाज के निम्न तबके के परिवारों को रोजी-रोटी चलाने के लिए न्यूनतम किराए पर दी गई थी. राजपूत कोष नाम से बनाई गई संस्था का पूर्व राजघराने ने चोरी-छिपे देवस्थान विभाग में मनमाने संविधान बना कर ट्रस्ट के रूप में रजिस्ट्रेशन करा लिया और किसी ट्रस्टी का नाम रजिस्ट्रेशन में नहीं लिखा गया .


साथ ही जिन लोगों को ट्रस्टी बनाया गया उन्हें लंबे समय तक तो इसकी जानकारी ही नहीं थी. महापंचायत में किशोर सिंह रायकी ने कहा कि 30 मार्च से लगातार पूर्व राजघराने के साथ चर्चा चल रही है और इसे लेकर कल भी एक वार्ता पैलेस परिसर में पूर्व राजघराने के साथ रखी गई थी. जिसमें मांग रखी गई कि नगर परिषद से छात्रावास की  भूमि पट्टे की मांग के विरोध में लगाए गए तीनों आक्षेप वापस ले लिए जाएं. साथ ही आगे से छात्रावास का संचालन राजपूत समाज द्वारा कराए जाने और ट्रस्ट के विधान में परिवर्तन कर महारावल को अध्यक्ष पद से हटाकर संरक्षक बनाए जाने सहित समाज के किसी प्रतिनिधि को अध्यक्ष बनाए जाने पर चर्चा हुई. 


रायकी ने कहा कि राज परिवार के साथ वार्ता पूरी तरह से बेनतीजा साबित हुई है और इसी कारण आज महापंचायत  आयोजित की गई है . सभा को समानता मंच के संरक्षक दिग्विजय सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि 1992 के बाद से किसी तरीके का विकास नहीं हुआ है ना ही इसके बाद से छात्रावास की संपत्ति से होने वाली कमाई का कोई खर्चा समाज के सामने रखा गया है. ऐसे में छात्रावास में रहने वाले बच्चों को खाना भी अपने पैसों से खाना पड़ रहा है और छात्रावास के पैसे से करीब 50 से 60 बाहरी लोग रोज खाना खाते हैं ऐसे में समाज की ओर से एक एडहॉक कमेटी बनाई गई है जो आगे से हॉस्टल का संचालन करेगी और 100 की क्षमता के अनुरूप नए एडमिशन भी किए जाएंगे . 
महापंचायत के बाद एक मौन जुलूस निकाला गया जो तहसील चौराहा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा . जहां जिला कलेक्टर लक्ष्मीनारायण मंत्री को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग रखी गई कि आगे से छात्रावास के संचालन में प्रशासन मदद करें. साथ ही नगर परिषद को निर्देश दे कि राजपूत समाज की ओर से मांगे गए भूमि पट्टे की मांग तत्काल प्रभाव से पूरी की जाए. साथ ही कहा कि समाज की मांग नहीं मानी गई तो संपूर्ण मेवाड़ क्षत्रिय समाज डूंगरपुर में महापड़ाव डालेगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.


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