Rajasthan News: प्रदेश के जनजाति बाहुल्य डूंगरपुर जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बोडीगामा छोटा का दो करोड़ से अधिक राशि से कायाकल्प होगा. यह बीड़ा क्षेत्र के भामाशाह मनोज पांडे ने शिक्षा को बढ़ावा देने अपने पिता लालजी पांडे की स्मृति में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा काम करने की मंशा से उठाया है. इसी के तहत उन्होंने विद्यालय प्रबंधन के सामने प्रस्ताव रखा था, जिसके बाद ज्ञान संकल्प पोर्टल पर पूरा प्रोजेक्ट बनाकर भेजने पर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने इसकी मंजूरी दे दी है.


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गांव में सरकारी स्कूल नहीं होने से पिता को जाना पड़ा इंदौर 
मनोज पांडे देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में वेस्ट मैनेजमेंट का जिम्मा संभालते है और 7 बार देश में सबसे स्वच्छ शहर का अवार्ड मिल चुका है. मनोज पांडे ने बताया कि उनका परिवार मूल रूप से बोड़ीगामा छोटा गांव का रहने वाला है. गांव में उनका सामाजिक कार्यक्रमों को लेकर आना जाना रहता है. गांव में बड़ी सरकारी स्कूल नहीं होने से उनके पिता को इंदौर शहर में जाकर एमकॉम की पढ़ाई करनी पड़ी. पढ़ाई पूरी करने के बाद वे वापस गांव आ गए. 5 दशक पहले उनके पिता लालजी पांडे बोडीगामा पंचायत के 10 सालों तक निर्विरोध सरपंच रहे. इस दौरान उन्हें गांव में शिक्षा को बढ़ावा देने का सपना देखा. गांव में सरकारी स्कूल खुलवाई, लेकिन उच्च शिक्षा की सुविधा नहीं होने से बच्चो को बाहर जाना पड़ता. इसके बाद रोजगार के लिए पिता को इंदौर आ गए. पिताजी रसोई बनाने में अच्छे माहिर होने से उन्होंने रेस्टोरेंट खोल दिया. इसके बाद से उनका परिवार इंदौर में ही बस गया.


2.10 करोड़ में बनेगा डबल स्टोरी 9 कमरे, 1 बड़ा हॉल, टॉयलेट, खेल मैदान
मनोज पांडे ने बताया कि राज्य सरकार की भामाशाह योजना के तहत गांव के स्कूल को नया बनाने के लिए विभाग को प्रस्ताव दिया था. इसके तहत 2 करोड़ 10 लाख रुपए में पूरे स्कूल के नवीनीकरण का प्रोजेक्ट पेश किया. ज्ञान संकल्प पोर्टल की संवीक्षा समिति की ओर से 7 मार्च को आयोजित बैठक में इसे अनुमोदित कर दिया, जिस पर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक पूनम प्रसाद सागर ने मंजूरी जारी कर दी. आदेश में भामाशाह योजना के तहत स्कूल का नामकरण भी लालजी पंड्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल रखा जाएगा. मनोज पांडे ने बताया कि  2 करोड़ 10 लाख रुपए में स्कूल के पुराने जर्जर हाल भवन की जगह ग्राउंड फ्लोर पर 7 क्लास रूम, 1 बड़ा हॉल, बॉयज और गर्ल्स के लिए अलग-अलग टॉयलेट, डबल स्टोरी में ऊपर की ओर 2 कमरे, स्टाफ रूम, लाइब्रेरी, कंप्यूटर रूम बनाए जाएंगे. इसके अलावा स्कूल मैदान का विकास भी किया जाएगा. इससे पहले भी स्कूल में टॉयलेट बनवाए गए थे. वे बताते है की ये पूरा काम 2 साल में पूरा कर लिया जाएगा.


अभी खस्ताहाल भवन, आए दिन परेशानी
साबला उपखंड मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित बोडीगामा छोटा का स्कूल भवन कवेलूपोश होकर वर्तमान में खस्ताहाल है. यहां 256 विद्यार्थियों का नामांकन है. बरसात सहित आम दिनों में बच्चों की बैठक सहित अन्य व्यवस्थाओं में दिक्कत आती है. हरदम हादसे का भी अंदेशा बना रहता है. कक्षा कक्षों की स्थितियां भी ऐसी है कि एक कक्ष में 40 से ज्यादा स्टूडेंट बैठ भी नहीं सकते है. उल्लेखनीय है कि स्कूल 1984 में प्राथमिक से उच्च प्राथमिक, 2008 में माध्यमिक एवं 2014 में उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत हुआ था.


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