ये टीचर छात्राओं को छुट्टी के दिन स्कूल बुलाता था...और दुष्कर्म करता था
Dungarpur : डूंगरपुर जिले के एक गांव में 9 से 11 साल की मासूम बेटियां हेड मास्टर की हैवानियत की कहानी बयां करते हुए रो पड़ती है. स्कूल का नाम सुनते ही उनकी रूह कांप उठती है. नन्ही सी बच्चियां जिनकी उम्र खेलने कूदने और पढ़ने लिखने की है.
Dungarpur : डूंगरपुर जिले में सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा अपने स्कूल की 6 नाबालिक बच्चियों से दुष्कर्म करने की इस घटना ने शिक्षा के मंदिर को गंदा और गुरु शिष्य के पवित्र रिश्ते को तार - तार कर दिया है. पीड़ित बच्चियों तथा उनके परिवार जनों से बात कर हकीकत जानने की कोशिश की गई, तो मासूम बच्चियों ने रोंगटे खड़े कर देने जैसी कहानी सुनाई. हेड मास्टर की हैवानियत का दर्द सुनाते हुए बेटियां कहती हैं कि अब तो स्कूल ही नहीं जाना है.आप भी सुनिए क्या कहा पीड़ित बच्चियों ने...
तबीयत बिगड़ती लेकिन बता नहीं पाती थी
आरोपी प्रिंसिपल रमेश चंद्र कटारा छात्राओं को मुह खोलने पर जान से मारने की धमकी या दिया करता था और उन्हें लालच भी देता था. पीड़ित छात्राओं के परिवार वालों का कहना है कि इसी डर की वजह से बच्चियां तकलीफ में होने के बावजूद घर पर कुछ नहीं बताती थी और स्कूल छोड़ने के लिए भी कहती थी. कई बार बच्चियों की तबीयत भी बिगड़ी लेकिन असली वजह पता नहीं होने के कारण परिवार के लोग उन्हें कुछ दवाइयां देकर सुला देते थे.
गांव वालों की ये है मांग
11 साल से कम उम्र की मासूम बच्चियों को डरा धमका कर उनके साथ हैवानियत करने वाला सरकारी स्कूल का प्रिंसिपल रमेश चंद्र कटारा अब सलाखों के पीछे हैं, गांव वालों की मांग है की आरोपी प्रिंसिपल को कड़ी से कड़ी सजा मिले वहीं बेटियों को स्कूल भेजने से डर रहे अभिभावकों का भरोसा जीतने के लिए प्रशासन पहल करें.
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