Dungarpur Suicide Case: राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले को पिछड़े जिलों की श्रेणी में माना जाता है, लेकिन इस पिछले जिले में लोग जल्द ही तनावग्रस्त हो रहे हैं. इसी तनाव के चलते लोग मौत को गले लगा रहे हैं. मनोरोग चिकित्सक बताते हैं कि किसी भी व्यक्ति की जिंदगी में तनाव, प्रेम प्रसंग, जिम्मेदारी और आर्थिक कारण ये चार बड़े कारण होते हैं, और इन कारणों से व्यक्ति आत्महत्या जैसे कदम उठाते हैं. डूंगरपुर जिले में 2020 से सितम्बर 2022 तक 408 लोग अलग-अलग कारणों से आत्महत्या कर चुके हैं. कुछ मामले में तो पुलिस तक पहुंचते ही नहीं हैं.  तनाव और अवसाद की पैनी धार कई युवा जिंदगियों की सांसों की डोर तोड़ रही है.


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जानें किस वर्ष कितने लोगों ने मौत को लगाया गले 
वर्ष                      आत्महत्या की संख्या
2020                   133
2021                  154  


2022                  121


कुल                    408


जागरूकता के लिए पुलिस कर रही प्रयास
जिले में बढ़ रही आत्महत्याओं की घटनाएं सभी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. हालाकि डूंगरपुर पुलिस इन घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रयास भी कर रही है. पुलिस विभाग की ओर से सामुदायिक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से साथ ही सीएलजी सदस्यों और ग्राम रक्षा दलों के माध्यम से लोगो को जागरूक किया जा रहा है, जिसमे उन्हें बताया जा रहा है यदि उन्हें किसी बात का तनाव हो तो वे उस बात को अपने मित्र, परिवार जन या पुलिस से शेयर करें ताकि उस समस्या का समाधान हो. व्यक्ति उस तनाव के चलते कोई गलत कदम न उठाए.


राशि डोगरा डूडी, एसपी डूंगरपुर ने कहा कि बहराल डूंगरपुर जिले में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं को लेकर एक और जहां पुलिस विभाग चिंतित है, वहीं आमजन के मन में भी बार-बार यही सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसे क्या हालात बन रहे हैं, हम कि लोग मौत से भी नहीं डर रहे हैं. खैर पुलिस विभाग इन घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रयास जरूर कर रहा है, लेकिन इस बारे में घर के प्रत्येक व्यक्ति को सोचने और सजग रहने की भी आवश्यकता है.


Reporter- Akhilesh Sharma


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