सेवा का दूसरा नाम है डूंगरपुर रोटी बैंक, हर रोज सैकड़ों मरीजों और परिजनों को करवा रहा मुफ्त भोजन

Dungarpur News: डूंगरपुर शहर के स्वर्गीय हरिदेव जोशी सामान्य जिला अस्पताल में 67 भामाशाहों के सहयोग से संचालित रोटी बैंक प्रतिदिन गरीबों को भोजन उपलब्ध कराकर मानवता की मिसाल कायम कर रही है. ज़िला अस्पताल में रोजाना सैकड़ों मरीज आते हैं, जिसमें कई लोग दूर-दराज गांवों से होते हैं और उनके पास अस्पताल में खाने-पीने की कोई सुविधा नहीं रहती है. ऐसे में इन लोगों के लिए रोटी बैंक सबसे बड़ा सहारा बन चुका है, जहा उन्हें रोटी, सब्जी, दाल और चावल खाने में दिए जाते है.

जी राजस्थान वेब टीम Fri, 22 Nov 2024-11:19 am,
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67 भामाशाहों ने 1-1 लाख रुपये का सहयोग दिया था

डूंगरपुर जिले के स्वर्गीय हरिदेव जोशी सामान्य जिला अस्पताल में आने वाले मरीज के साथ उनके परिजन और रिश्तेदारों में कोई भूखा नहीं रहे, इसके लिए सात साल पहले पूर्व सभापति के के गुप्ता की प्रेरणा से शहर के भामाशाहों ने मिलकर रोटी बैंक की स्थापना की गई. इसी उद्देश्य से शहर से 67 भामाशाहों ने 1-1 लाख रुपये का सहयोग दिया था. वहीं, 2 सितम्बर 2018 को राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस विजय कुमार व्यास के हाथों इसका शुभारम्भ किया गया.  प्रतिदन 150 से 200 लोग रोटी बैंक में आकर निशुल्क भोजन करते हैं.

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क्वालिटी और हाईजीन का रखा जाता है पूरा ध्यान

डूंगरपुर रोटी बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश श्रीमाल ने बताया कि सुबह से रोजाना खाना बनाने का काम शुरू हो जाता है. अस्पताल में मरीजों की संख्या का आंकलन करते हुए खाना बनाया जाता है. इसके लिए वार्डो में जाकर भर्ती मरीज और उनके परिजनों को कूपन दिए जाते हैं. वहीं, दोपहर 12 बजे से खाना शुरू हो जाता है. यहां लोगो के बैठने के लिए टेबल भी लगी हुई, जहां लोग आराम से बैठकर भरपेट भोजन करते हैं. वहीं, उन्होंने बताया कि रोटी बैंक में बनने वाल भोजन में क्वालिटी और हाईजिन का पूरा ख्याल रखा जाता है. इधर रोटी बैंक में खाना खाने आने वाले लोगो को भी यहां का भोजन अच्छा लगता है

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जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ और पुण्यतिथि पर मिलता है सहयोग

डूंगरपुर रोटी बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश श्रीमाल ने बताया कि रोटी बैंक के संचालन में रोटी बैंक प्रबंधन के अलावा अन्य भामाशाह भी सहयोग करते हैं. जन्मदिन, शादी की सालगिरह, पुण्यतिथि या किसी भी खास मौके को भी यादगार बनाने के लिए लोग रोटी बैंक में आकर लोगों को भोजन करवाते हैं. इसके लिए रोटी बैंक की ओर से 3100 रुपये रसीद काटी जाती है. वहीं, उनके नाम से फिर भोजन करवाया जाता है.

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कोरोना में भी रोटी बैंक का रहा सहयोग

डूंगरपुर जिले में कोरोना के चलते जन अनुशासन और रेड अलर्ट पखवाड़े की पाबंदियों के चलते होटल और रेस्टोरेंट कई दिनों से बंद थे. ऐसे में जिला अस्पताल में संचालित रोटी बैंक मरीजों और उनके परिजनों की भूख मिटाने का एक मात्र सहारा बना. इस दौरान जहां रोटी बैंक में आने वाले मरीजों और परिजनों को तो भोजन करवाया. वहीं, इसके साथ ही शहर में जरूरतमंद लोगों को फ़ूड पैकेट के भी वितरण किये गए ताकि कोई भी गरीब भूखा ना सोये. बहरहाल सात साल पहले पूर्व सभापति केके गुप्ता ने पहल करते हुए भामाशाहों को प्रेरित किया ओर उनसे सहयोग लेकर रोटी बैंक की स्थापना की. भामाशाहों का सहयोग आज भी जारी है, जिसकी वजह से रोजाना जरूरत मंद लोगो को निशुल्क भोजन उपलब्ध हो रहा है. ऐसे में रोटी बैंक प्रतिदिन गरीबों को भोजन उपलब्ध कराकर मानवता की मिसाल कायम कर रही है.

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