Dungarpur: डूंगरपुर जिले में इस साल अगस्त माह में ही बारिश का आंकड़ा औसत के करीब पहुच गया है. डूंगरपुर जिले में लगातार हुई बारिश से कई कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए है. जिला प्रशासन ने बारिश के कारण धराशाई हुए अथवा क्षतिग्रस्त हुए मकानों के सर्वे करने के आदेश जारी किए है. सर्वे के बाद पीड़ित मकान मालिकों को आपदा कोष से नियमानुसार मुआवजा राशि दी जाएगी.


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डूंगरपुर जिले में औसत के मुकाबले 85 फीसदी बारिश
डूंगरपुर जिले में औसत के मुकाबले अब तक करीब 85 फीसदी बारिश हो चुकी है. इधर डूंगरपुर जिले में हुई अच्छी बारिश से जहां तालाब एनिकट भर जाने से किसानों और आमजन को खुशी है लेकिन डूंगरपुर जिले में हुई लगातार बारिश के चलते जिलेभर में कई कच्चे केलूपोश मकान ढह गए है और क्षतिग्रस्त भी हुए है जिसके चलते गरीब लोगों को नुकसान हुआ है. बारिश के चलते कच्चे केलूपोश घरों के ढहने और क्षतिगस्त होने के बाद डूंगरपुर जिला प्रशासन ने ऐसे घरों का सर्वे करने का निर्णय लिया है.


डूंगरपुर जिले के अतिरिक्त जिला कलेक्टर हेमेन्द्र नागर ने बताया की सर्वे के लिए जिले के समस्त तहसीलदारों को सर्वे करवाने के आदेश जारी किये गए है जिसके तहत आगामी दिनों में पटवारी, गिरदावर के जरिये गांवों में बारिश के कारण धराशाई हुए या फिर आंशिक क्षतिग्रत हुए मकानों का सर्वे किया जाएगा. सर्वे के बाद आपदा कोष से नियमानुसार पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.


इतनी मिलेगी सहायता
बारिश के कारण धराशाही हुए कच्चे अथवा पक्के मकान के बदले पीड़ित परिवार को 95 हजार 100 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी वहीं कच्चे मकान को 15 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचने पर 3200 रुपये और पक्के मकान के लिए 5200 रुपये सहायता देने का प्रावधान है. इसके अलावा कच्चे मकान को 15 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर 4100 रुपये और केटल शेड को नुकसान होने पर 2100 रुपये की सहायता दी जाएगी.


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प्रशासन से की अपील
इधर डूंगरपुर जिले के अतिरिक्त जिला कलेक्टर हेमेंद्र नागर ने बताया कि जिन लोगों के मकानों को बारिश के कारण नुकसान हुआ है वे जागरूक रहकर पटवारी अथवा राजस्व अधिकारियों से संपर्क कर आर्थिक सहायता के लिए आवेदन कर सकते है. 


Reporter- Akhilesh Sharma