Hanumangarh news:  राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में घग्गर नदी में बाढ़ का खतरा गहराया हुआ है और नदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है इसको लेकर जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारी लगातार दौरे कर रहे हैं और पूरा प्रशासन अलर्ट मोड पर है और अगले 72 घंटे संवेदनशील हैं, और प्रशासन के लिए परीक्षा की घड़ी है. देर रात और अल सुबह कई जगह पर तट बंध टूटने से सैंकड़ों बीघा फसलें भी जलमग्न हो गई. लेकिन स्थानीय नागरिकों और प्रशासन की सजगता के चलते कटाव को पाट लिया गया. वहीं कल टिब्बी और सहजीपुरा गांव के पास नदी के तटबंधों में रिसाव आ गया था.


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ओटू हैड से 37625 क्यूसेक पानी छोड़ा गया
 जिसको ग्रामीणों की मदद से अधिकारियों ने तुरंत बंद करवाया और स्थिति बहाल की वहीं देर शाम तक जिला कलेक्टर रुक्मणि रियार, एसपी सुधीर चौधरी और मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा सहित तमाम अधिकारी तटबंधों के दौरे करते रहे. अधिकारियों ने घग्गर नदी के निचले इलाकों का दौरा कर दिशा निर्देश देते हुए. अतिसंवेदन शील इलाका निवासियों से राहत कैंप्स में शिफ्ट होने का आह्वान भी करते नजर आए. आज सुबह सिंचाई विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार हरियाणा के ओटू हैड से 37625 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है और राजस्थान में अभी 24014 क्यूसेक पानी चल रहा है, जिसको सेम नाला और नाली बेल्ट के साथ ही आईजीएनपी में डालकर चलाया जा रहा है. 


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 पिछले साल से करीब 500 क्यूसेक ज्यादा
नाली बेल्ट में आज सुबह पानी की आवक 6000 क्यूसेक हो गई जो पिछले साल से करीब 500 क्यूसेक ज्यादा है, वहीं सेम नाला में इस बार 14056 क्यूसेक पानी चलाया जा रहा है और इसको लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है. वहीं विभागीय प्रयासों के चलते 22 साल बाद 0 आरडी पर खोले गए. आईजीएनपी के गेटों में से 3855 क्यूसेक पानी घग्गर से आईजीएनपी में डाला जा रहा है. इसके अलावा रावतसर क्षेत्र की कुछ ढाणियों सहित निचले इलाकों पर पूरी निगरानी रखी जा रही है. जिला प्रशासन नदी के निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों को लगातार सुरक्षित स्थानों पर जाने का आह्वान कर रहा है.