राजस्थान के ये एक्स MLA कई बार ले रहे हैं पेंशन,1 महीने में दिए जा रहे करोड़ों रुपये
हनुमानगढ़ में आयोजित प्रेस वार्ता में राज्य के पूर्व विधायकों को कई बार मिलने वाली पेंशन का खुलासा किया. लोक सूचना अधिकारी विनोद कुमार मिश्रा द्वारा जो सूचना उपलब्ध करवाई गई है, उसमें पेंशन संबंधी आंकड़े बहुत ही आश्चर्यजनक हैं.
Hanumangarh News: सूचना का अधिकार जागृति मंच ने हनुमानगढ़ में आयोजित प्रेस वार्ता में राज्य के पूर्व विधायकों को कई बार मिलने वाली पेंशन का खुलासा किया. जागृति मंच के अध्यक्ष प्रवीण मेहन ने बताया कि सूचना के अधिकार जागृति संस्थान के द्वारा राजस्थान विधानसभा सचिवालय के राज्य लोक सूचना अधिकारी से राजस्थान के वर्तमान व पूर्व विधायकों को मिल रही पेंशन के बारे में सूचना मांगी गई थी.
जयपुर स्थित राज्य लोक सूचना अधिकारी विनोद कुमार मिश्रा द्वारा जो सूचना उपलब्ध करवाई गई है, उसमें पेंशन संबंधी आंकड़े बहुत ही आश्चर्यजनक हैं. राजस्थान में एक बार विधायक बनने पर 35 हजार रुपये की पेंशन दी जाती है और फिर प्रत्येक बार विधायक बनने पर 8 हजार रुपये की पेंशन अलग से दी जाती है. इसके अलावा पूर्व विधायक की 70 वर्ष उम्र होने पर उसको कुल पेंशन का 20% और 80 वर्ष उम्र होने पर कुल पेंशन का 30% अतिरिक्त भुगतान किया जाता है. प्रेसवार्ता में मेहन ने बताया कि राज्य के कई पूर्व विधायक कई बार पेंशन ले रहे हैं, जिसमें सुमित्रा सिंह सर्वाधिक 1,28,700 रुपये की पेंशन ले रही हैं.
इसके अलावा विधानसभा सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई विधायकों की जानकारी आरटीआई में नहीं दी गई है. मिली सूचना के अनुसार, राज्य के 512 पूर्व विधायकों को प्रत्येक माह करोड़ों रुपये की पेंशन दी जा रही है, जिसमें कुछ पूर्व विधायक ऐसे भी हैं जो सांसद भी रह चुके हैं. ऐसे में उनको पूर्व सांसद और पूर्व विधायक दोनों की ही पेंशन मिल रही है.
विधायकों को मिल रही पेंशन के विपरीत राज्य कर्मचारी को 35 साल से अधिक सेवा राज्य को देने के पश्चात सेवानिवृति के बाद एक पेंशन दी जाती है और उसकी आयु 80 वर्ष होने पर उसकी पेंशन में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी उसकी बेसिक देय पेंशन राशि पर देय है, जबकि 20 प्रतिशत अंश के रूप में बढ़ोतरी होती है, जबकि एक विधायक व एक राज्य कर्मचारी दोनों ही भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 21 की उपधारा 12 के अंतर्गत लोक सेवक की परिभाषा में आते हैं.
जनता द्वारा कर के रूप में राज्य सरकार को दी जा रही धन राशि का उपयोग सरकार अपने विधायकों को पेंशन के रूप में करोड़ो रुपये सालाना दे रही है, जबकि विधायक जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि है, जो किसी भी सरकारी लाभ के हकदार नहीं होने चाहिए. प्रेस वार्ता में मंच अध्यक्ष प्रवीण मेहन के साथ संरक्षक रमेश दर्गन, कार्यकारी अध्यक्ष ललित चड्ढा, नितिन छाबड़ा, बिरजू सहारण, राजीव मिश्रा, रामकुमार शर्मा, देवदत्त भोजक, गुरसेवक, राजकुमार गर्ग आदि मौजूद रहे.