Nohar: उत्तर भारत का प्रसिद्ध गोगामेड़ी मेला परवान पर चल रहा है. एक माह तक चलने वाले गोगामेड़ी मेले में देश के विभिन्न राज्यों से करीब 10 लाख श्रद्धालु भाग लेंगे, जिसको लेकर पुलिस प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्थाएं की हैं. रक्षाबंधन के दिन शुरू हुआ गोगामेड़ी मेला एक माह तक आयोजित होगा. कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दो चरणों में आयोजित मेले के प्रथम चरण कृष्ण पक्ष में उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली आदि राज्यों के श्रद्धालु भाग लेते हैं, जबकि दूसरे चरण शुक्ल पक्ष में पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के श्रद्धालु भाग लेते हैं. 


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गोगामेड़ी मेला जाहरवीर गोगा जी की समाधि और गुरु गोरक्षनाथ की तपस्थली दो हिस्सों में बंटा हुआ है. गोगाजी की समाधि का प्रबंध देवस्थान विभाग के पास है जबकि गुरु गोरक्षनाथ की तपस्थली गोरखटीले का प्रबंध गोरखटीला धुना प्रन्यास संभालता है. कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 2 साल से मेला आयोजित नहीं हो पाया था जिस कारण इस बार श्रद्धालुओं में मेले को लेकर भारी उत्साह है. 


मेले में दूरदराज के राज्यों से पहुंच रहे श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न धर्मशाला में यात्रियों के ठहरने और चिकित्सा की व्यवस्था की गई है. गोगामेड़ी मेले में सभी होटल पहले से ही बुक हैं इसलिए कुछ श्रद्धालु टेंट में भी ठहरे हुए हैं. इस बार पशुओं में लंपी स्कीम डिजीज के चलते गोगामेड़ी का प्रसिद्ध पशु मेला इस बार आयोजित नहीं हो रहा है और राज्य सरकार ने इस बीमारी के चलते इस मेले पर रोक लगा दी है. मेले में हनुमानगढ़ सहित राज्य के विभिन्न जिलों से पंद्रह सौ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, जिसकी मॉनिटरिंग दो एएसपी और सात डीएसपी कर रहे हैं. 


इसके अलावा 200 सीसीटीवी कैमरों से भी मेले में निगाह रखी जा रही है. कृष्ण पक्ष में आयोजित हो रहे मेले के प्रथम चरण में मेला पूरी तरह से पीले रंग में रंगा हुआ है. प्रथम चरण में भाग लेने वाले श्रद्धालु खासकर उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु मेले में पीले कपड़े पहन कर आते हैं और श्रद्धालु गर्मी व उमस की परवाह किए बिना डोल, डमरु, सारंगी और खड़ताल की धुन पर नाचते गाते हुए मेले में पहुंच रहे हैं.


Reporter: Manish Sharma