मामी के प्यार में पड़ा भांजा, बनाए अवैध संबंध..राह में रोड़ा बने मामा को ऐसे लगाया ठिकाने
हनुमानगढ़ में मामी के प्यार में पड़ा भांजे, फिर बनाए अवैध संबंध और राह में रोड़ा बने मामा को ठिकाने लगा दिया.
Hanumangarh: हनुमानगढ़ टाउन के कोहला गांव से 7 महीने पहले लापता हुए कृष्णलाल के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. कृष्णलाल की हत्या अवैध संबंधों के लिए उसकी पत्नी ने मृतक पति के मुंह बोले भांजे के साथ मिलकर की थी. किसी को शक ना हो इसलिए उसकी पत्नी चंद्रकला ने प्रेमी सुनील के साथ जाकर पति की गुमशुदगी भी दर्ज करवाई थी. टाउन थाने में दर्ज गुमशुदगी में कृष्ण की पत्नी चंद्रकला और उसके प्रेमी सुनील दोनों के हस्ताक्षर है. इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए हनुमानगढ़ टाउन पुलिस ने उसकी पत्नी चंद्रकला और उसके प्रेमी सुनील को गिरफ्तार कर लिया और उनकी निशानदेही पर कोहला गांव में खेत में दफन कृष्णलाल का शव निकलवाकर उसका मौके पर ही पोस्टमार्टम करवा दिया था.
पुलिस की रडार में आते ही भागे मामी-भांजा
टाउन थाना अधिकारी दिनेश सारण ने बताया कि 28 फरवरी को टाउन थाना में उसकी पत्नी ने ही अपने पति की गुमशुदगी दर्ज करवाई थी, जिसमें उसने बताया था कि उसका पति जनवरी महीने से लापता है और उसका कुछ पता नहीं चल रहा है. जिसके बाद टाउन पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया। लेकिन लापता कृष्ण का कुछ पता नहीं लग पाया। अनुसंधान के दौरान गायब कृष्ण लाल की बहन विमला और बहनोई जगदीश ने कृष्णलाल की हत्या का शक जताया, और कृष्णलाल की पत्नी चंद्रकला और उसके प्रेमी सुनील पर संदेह जाहिर किया. जिसके बाद टाउन पुलिस ने उन दोनों को बयानों के लिए बुलाया तो दोनों ने अपना मोबाइल बंद कर दोनों गांव से गायब हो गए. जिसके बाद शक और गहरा हो गया. टाउन पुलिस ने उनकी तलाश करते हुए उनको पंजाब से हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की.
पूछताछ में उन दोनों ने अपने अवैध संबंधों के चलते जनवरी में कृष्णलाल की हत्या कर उसका शव खेत में दफनाने की बात स्वीकारी. वहीं इसे लेकर मृतक कृष्णलाल की बहन विमला ने हत्या का आरोप लगाते हुए मामला भी दर्ज करवाया था. इस पर टाउन पुलिस ने मृतक कृष्ण लाल की पत्नी और उसके प्रेमी सुनील को गिरफ्तार कर लिया और उनकी निशानदेही पर खेत में दफनाए गए कृष्ण लाल के शव को निकलवा कर मौके पर ही उसका पोस्टमार्टम करवाया और शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया. अवैध संबंधों के लिए रिश्तों के कत्ल की इस सनसनीखेज वारदात के खुलासे में टाउन सीआई दिनेश सारण, एएसआई गायत्री देवी, हवलदार पुरुषोत्तम पचार, प्रताप सिंह, नरेश बिश्नोई, मनीष बिश्नोई, कांस्टेबल प्रदीप गिल, प्रहलाद नेहरा, कृष्ण सिंह, रोशन और सुभाष शामिल रहें.
ऐसे गहराया पुलिस का शक
गुमशुदगी के मामले की जांच के दौरान लापता कृष्ण की बहन विमला ने टाउन पुलिस के सामने उसके भाई कृष्ण की हत्या की आशंका जताई थी. हत्या की आशंका जताने की भनक जैसे ही पत्नी चंद्रकला और उसके प्रेमी सुनील को लगी दोनों फोन बंद कर गायब हो गए. जिस पर टाउन पुलिस का शक और गहरा गया. टाउन पुलिस ने एक और टीम गठित कर चंद्रकला और उसके प्रेमी सुनील की तलाश शुरू कर दी. जिस पर एसआई गायत्री देवी के नेतृत्व में मुखबिर से मिली सूचना के अनुसार चंद्रकला और उसके प्रेमी सुनील को पंजाब के अबोहर थाना क्षेत्र के गांव वजीरपुरा में एक खेत में ढूंढ लिया. जहां चंद्रकला अपने प्रेमी सुनील के साथ मजदूरी का काम कर रही थी. पुलिस टीम ने चंद्रकला और सुनील से पूछताछ की तो दोनों ने जांच में सहयोग नहीं किया. जिसके बाद टाउन पुलिस दोनों को दस्तयाब कर टाउन थाना ले आई और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस को जांच के दौरान एक लिव इन का कोई कागज भी मिला जिसमे चंद्रकला और सुनील के साथ रहने का जिक्र है. जिससे पुलिस का शक और गहरा गया. उसके बाद हुई पूछताछ में लापता कृष्ण की पत्नी और मुंह बोले भांजे ने हत्या के इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए बताया कि कृष्ण की हत्या उन्होंने 14 जनवरी को करके शव खेत में दफना दिया था. कत्ल की इस वारदात का किसी को शक ना हो इसीलिए उन्होंने टाउन थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी.
पुलिस पूछताछ में आरोपी पत्नी चंद्रकला और मृतक के मुंह बोले भांजे सुनील ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि सुनील कोहला के एक खेत में मजदूरी करता था और कृष्ण की पत्नी चंद्रकला पशुओं के लिए चारा लेने उसी खेत में आती थी. इसी दौरान चंद्रकला से उसकी जानकारी हो गई और जानकारी धीरे-धीरे प्रेम संबंध में तब्दील हो गई.
गृह क्लेश के बाद भी नहीं खत्म हुआ अवैध संबंध
इसके बाद आरोपी सुनील ने जान पहचान बढ़ाते हुए चंद्रकला के पति कृष्ण और उसकी एक ही बिरादरी के होने के चलते वह कृष्ण को मामा कहने लगा. और मृतक कृष्ण का घर आना-जाना शुरू हो गया. संबंध इतने प्रगाढ़ हो गए कि आरोपी सुनील का खाना भी अब कृष्ण के घर से आने लगा. कृष्ण और चंद्रकला की प्रेम लीला जो पहले खेत तक सीमित थी अब वो खेल कृष्ण के घर में भी होने लगी. लेकिन अवैध संबंधों का यह खेल ज्यादा दिन तक नहीं छुप सका और कृष्ण को चंद्रकला और सुनील के बीच के अवैध संबंधों की भनक लगी तो कृष्ण ने एतराज जताया और पति-पत्नी में अक्सर इस बात को लेकर झगड़ा होने लगा.
इसके बावजूद दोनों का खेत में मिलना जारी रहा. अक्सर कृष्ण और चंद्रकला के बीच में इसी बात को लेकर लड़ाई झगड़ा रहता था. जिसकी रंजिश के चलते दोनों ने मिलकर डंडे के बाहर से कृष्ण की हत्या कर शव खेत में दफना दिया था. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने खेत से शव बरामद किया था.
ऐसे रची साजिश
टाउन पुलिस को पूछताछ में जानकारी मिली कि आरोपियों ने 24 जनवरी को कृष्ण के लापता होने की सूचना टाउन पुलिस को दी थी कि कृष्ण घर से 15 जनवरी से लापता है. लेकिन दोनों आरोपियों ने 28 फरवरी को मामला दर्ज करवाया था. पुलिस के खुलासे में जानकारी मिली कि कृष्ण की 14 जनवरी को ही हत्या कर खेत में दफनाने के बाद दोनों ने मिलकर ये योजना बनाई थी कि सब जगह यही बताएंगे कि पति पत्नी के झगड़े के बाद से ही कृष्ण कहीं चला गया.
मृतक पति कृष्ण और हत्या की आरोपी पत्नी चंद्रकला के दो बच्चे हैं. 11 साल का बड़ा बेटा सातवीं कक्षा में पढ़ रहा है, तो वहीं 8 साल का छोटा बेटा चौथी क्लास में पढ़ रहा है. घटना के बाद से ही बच्चों की रजामंदी के बाद दोनों बच्चे दादी और बुआ के साथ रहने के लिए चले गए. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रेम संबंधों के चलते पति की हत्या करने वाली पत्नी चंद्रकला की यह दूसरी शादी थी. पहली शादी में पति ने आत्महत्या कर ली थी. पहली शादी से चंद्रकला को एक बच्चा था जो पहले के दादा दादी के साथ ही रह रहा है. वहीं पति का मुंह बोला भांजा और चंद्रकला का प्रेमी सुनील भी शादी के बाद तलाक होने पर अकेला ही रह रहा था.
आरोपी चंद्रकला और उसके साथी सुनील की निशानदेही पर टाउन पुलिस कोहला के 16 एचएमएच स्थित एक खेत में पहुंची, जहां एक दिन पहले ही हुई बरसात की वजह से पूरे खेत में पानी भरा हुआ था और नरमे की फसल खड़ी हुई थी. जिसके चलते पुलिस को जूते उतारकर नंगे पैर ही कीचड़ में से मौके पर जाकर तलाश शुरू करनी पड़ी. आरोपियों की निशानदेही पर कीचड़ में टाउन पुलिस ने शव गाड़ने की जगह चिन्हित कर, खुदाई की. करीब ढ़ाई-तीन फीट खुदाई के बाद खेत में गाड़ा गया कृष्ण लाल का शव मिल गया. जिसके बाद पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे मेडिकल बोर्ड के डॉक्टर शंकर सोनी, डॉक्टर के के शर्मा और डॉक्टर राजेंद्र कुमावत को भी नंगे पैर ही मौके पर आकर पोस्टमार्टम करना पड़ा.
आरोपियों के चेहरे पर नहीं दिखा कोई अफसोस
शव ढूंढने के दौरान लगभग ढ़ाई-तीन घंटे तक आरोपी चंद्रकला और सुनील निशानदेही के लिए पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे थे, इस दौरान दोनों आरोपियों के चेहरों पर घटना को लेकर किसी तरह का कोई पछतावा नजर नहीं आया. जबकि मौके पर मौजूद मृतक कृष्णलाल की बहन का शव देखने के बाद रो-रो कर बुरा हाल हो गया. जिसे पुलिस दल में शामिल एएसआई गायत्री देवी और महिला कांस्टेबल सीमा ने ढाढस बंधा शांत करवाया.
ये भी पढ़ें- अजमेर : शिक्षक लापरवाह, गुस्साए ग्रामीणों और पार्षद ने स्कूल पर जड़ा ताला
अपने जिले की खबर पढ़ने के लिये यहां क्लिक करें