भरतपुर अवैध खनन मामले पर सियासत तेज, रिपोर्ट के लिए बीजेपी ने बनाई कमेटी
कमेटी में अलवर सांसद बाबा बालकनाथ, पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी, गजेंद्र सिंह खींवसर और पूर्व विधायक राजकुमारी जाटव के साथ ही प्रभारी बनवारी लाल सिंघल को शामिल किया गया है.
Jaipur: बृज के कामां क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ 551 दिन तक साधु-संतों के आंदोलन और विजयदास बाबा के आत्मदाह की कोशिश के मामले में राजस्थान में लगातार सियासी हलचल हो रही है.
अब पूरे मामले पर बीजेपी ने तथ्यात्मक रिपोर्ट जुटाने के लिए एक फैक्ट फाइन्डिंग कमेटी बना दी है. बीजेपी की इस कमेटी में पांच सदस्यों को शामिल किया गया है. कमेटी में अलवर सांसद बाबा बालकनाथ, पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी, गजेंद्र सिंह खींवसर और पूर्व विधायक राजकुमारी जाटव के साथ ही प्रभारी बनवारी लाल सिंघल को शामिल किया गया है.
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बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के निर्देश पर कमेटी का गठन किया गया है. पार्टी ने पहले इस मामले में तीन सदस्यों की कमेटी बनाई थी, लेकिन थोड़ी ही देर में पार्टी ने इस कमेटी में दो बड़े नाम और जोड़ दिए. अब कमेटी के सदस्य भरतपुर पहुंचकर इस पूरे घटनाक्रम की तथ्यात्मक जानकारी लेंगे और मामले से जुड़े अलग-अलग पक्षों से बात करने के बाद जल्द अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेंगे. संभवतयाअगले दो दिन में यह कमेटी क्षेत्र में पहुंचकर तमाम बिंदुओं की जानकारी लेगी और रविवार तक अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौंप देगी.
कमेटी के सदस्यों में क्यों हुई बढ़ोतरी?
बीजेपी की कमेटी में पहले तीन और फिर पांच सदस्य करने पर पहला सवाल यही उठा कि आखिर सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी क्यों की गई? इस पर जानकारों का कहना है कि शुरूआती तौर पर कमेटी में शामिल किये गए तीनई? नाम ज्यादा अनुभवी नहीं लग रहे थे, लिहाजा पार्टी ने इसमें पूर्व मन्त्री प्रभुलाल सैनी के साथ ही पूर्व विधायक और प्रभारी बनवारी लाल सिंघल का नाम भी जोड़ दिया.
क्या गजेंद्र सिंह खींवसर का हो गया पुनर्वास?
भरतपुर मामले पर बीजेपी की फैक्ट फाइन्डिंग कमेटी के चेहरों को देखकर पार्टी में पूर्व मन्त्री के पुनर्वास की भी चर्चा है. अभी तक पार्टी के कार्यक्रमों से आमतौर पर दूर माने जा रहे पूर्व मन्त्री गजेंद्र सिंह खींवसर को भी इस कमेटी में शामिल किया गया है. वसुंधरा राजे कैम्प के माने जाते रहे खींवसर को कमेटी में शामिल किये जाने से माना जा रहा है कि अब खींवसर का भी राजनीतिक पुनर्वास हो गया है.
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