Jaipur: राजस्थान में पिछले 1 वर्ष में दो लाख करोड़ रुपये का नया निवेश धरातल पर उतराने पर काम हुआ है. सभी संभागों में निवेश प्रस्ताव गति चढ़े हैं. राजस्थान सरकार को इस अवधि में 10 लाख 44 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, इनमें सबसे अधिक एनसीआर रीजन, जयपुर, जोधपुर और उदयपुर के हैं. सरकार के प्रयास है कि इन्वेस्ट राजस्थान 2022 से पहले एमओयू धरातल पर उतरे.


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राजस्थान औद्योगिक निवेश के लिहाज से भारत का पसंदीदा डेस्टिनेशन बन रहा है. इसकी वजह प्रदेश सरकार की नीतिगत पहल, शांत औद्योगिक वातावरण, उपलब्ध औद्योगिक भूखंड है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार के गठन के साथ ही रोजगार उपलब्धता और नए निवेश के लिहाज से उद्योग सेक्टर को प्राथमिकता प्रदान की. इसमें बड़ा कदम नई नीतियों को लाना रहा. एक साथ औद्योगिक विकास नीति 2019, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2019, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना 2019, सौर ऊर्जा नीति 2019 और पवन एवं हाइब्रिड ऊर्जा नीति 2019 जारी कर निवेशकों के लिए मरूधरा के दरवाजे खोल दिए. इसके परिणाम भी बेहतर आए. एमएमसएई को लेकर बनाई गई नीतियों ने भी प्रदेश के औद्योगिक वातावरण को संवारने का काम किया.


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क्या कहना है उद्योग मंत्री शकुंतला रावत का 
उद्योग मंत्री शकुंतला रावत का कहना है कि इंवेस्ट राजस्थान के आयोजन से पहले 10.44 लाख करोड़ रुपये के 4,192 प्रस्ताव उद्योग विभाग को मिले हैं. इसमें अब तक 3,107 करोड़ रुपये के 413 प्रोजेक्ट धरातल पर उतरे हैं, वहीं 1,82,473 करोड़ रुपये के 1216 परियोजनाओं पर मंजूरी अंतिम दौर में है. 7 और 8 अक्टूबर को इंवेस्ट राजस्थान के आयोजन से पहले अधिकतर एमओयू और एलओआई धरातल पर होंगे.


राजस्थान सरकार जयपुर में देश विदेश के निवेशकों को बुलाने से पहले उनके प्रस्तावों को हरी झंडी देने की तैयारी है. साथ ही कई अहम नीतियां भी आने वाले दो महीनों में जारी होंगी. इनमें हैंडीक्राफ्ट नीति और पर्यटन सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने के बाद नई पर्यटन नीति के प्रस्ताव अहम होंगे.


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