procedure for samadhi sthal: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के बाद अब उनके समाधि स्थल बनाए जाने को लेकर सियासी विवाद ने देश में एक नई बहस छेड़ दी थी. इसी बीच केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्मृति क्षेत्र परिसर में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का एक स्मारक स्थापित करने का फैसला भी किया है. तो आइए जानते हैं आखिर कैसे और कब बनाई जा सकती है दिल्ली में समाधि, जानें क्या है सरकारी प्रक्रिया?
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government procedure for memorial: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक पर देश में खूब हल्ला मचा. सियासत इतनी तेज हुई कि सरकार को इस पर खुद सफाई और सच्चाई बतानी पड़ी. इसी बीच केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्मृति क्षेत्र परिसर में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का एक स्मारक स्थापित करने का निर्णय लिया है. मुखर्जी का 31 अगस्त 2020 को निधन हो गया था.
राष्टपति प्रणब मुखर्जी का बनेगा स्मारक
पूर्व राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उनके (शर्मिष्ठा के) पिता को सम्मानित करने के लिए शुक्रिया अदा किया है. सरकार ने शर्मिष्ठा मुखर्जी को इस निर्णय की जानकारी देते हुए एक पत्र में कहा, ‘‘सक्षम प्राधिकारी ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की समाधि बनाने के लिए राष्ट्रीय स्मृति परिसर (राजघाट क्षेत्र का एक हिस्सा) में एक निर्दिष्ट स्थल को चिह्नित करने को मंजूरी दे दी है.’’ यानी अब पूर्व राष्टपति प्रणब मुखर्जी का स्मारक बन जाएगा. लेकिन आप सोच रहे होंगे फिर मनमोहन सिंह के मामले में सरकार ने तत्काल स्मारक क्यों नहीं बनने दिया तो इसके पीछे एक पूरी प्रकिया होती है. आइए समझते हैं आखिर किस आदमी का सरकार दिल्ली में बनाती है स्मारक, समाधि स्थल बनाने की क्या है प्रक्रिया; कैसे दी जाती है जमीन. जानें सबकुछ.
दिल्ली में किस आदमी की बनाई जाती है समाधि स्थल?
दिल्ली में समाधि स्थल बनाए जाने के लिए कुछ विशिष्ट नियम और प्रक्रियाएं हैं, जो भारत सरकार द्वारा निर्धारित हैं. इनका पालन सुनिश्चित करता है कि केवल विशिष्ट श्रेणी के महान नेताओं और व्यक्तित्वों के लिए ही राष्ट्रीय महत्व का समाधि स्थल बनाया जाएगा. यानी सरकारी प्रक्रिया ये है कि समाधि स्थल केवल उन नेताओं के लिए बनाए जाते हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय और ऐतिहासिक महत्व का योगदान दिया हो. यह विशेष रूप से भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उप-प्रधानमंत्री, और कभी-कभी राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों के लिए लागू होता है.
समाधि स्थल की क्या है सरकारी प्रकिया?
राजघाट और उससे जुड़े समाधि स्थलों का प्रशासन राजघाट क्षेत्र समिति के तहत आता है. यह समिति संस्कृति मंत्रालय की देखरेख में कार्य करती है. समाधि स्थल के लिए निर्णय लेने में यह समिति स्थान की उपलब्धता, व्यक्ति के योगदान और मौजूदा नीतियों का मूल्यांकन करती है. संस्कृति मंत्रालय समाधि स्थल निर्माण के प्रस्ताव की समीक्षा करता है. प्रस्ताव पर चर्चा के लिए अन्य विभागों, जैसे शहरी विकास मंत्रालय और गृह मंत्रालय, से परामर्श किया जाता है.
समाधि स्थल के निर्माण के लिए किन मंत्रालयों से गुजरती है फाइल
समाधि निर्माण की प्रक्रिया केंद्र सरकार की कई मंत्रालयों से होकर गुजरती है. संस्कृति मंत्रालय: समाधि स्थल के निर्माण और संरक्षण का प्रबंधन करता है.आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय : भूमि आवंटन और निर्माण योजना में सहयोग करता है.गृह मंत्रालय: समाधि स्थल निर्माण के लिए सुरक्षा और राजकीय सम्मान की प्रक्रिया सुनिश्चित करता है.निर्माण के लिए भूमि का चयन और मंजूरी: समाधि स्थल के लिए भूमि का चयन दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और राजघाट क्षेत्र समिति के माध्यम से होता है.
स्मारक बनाने के लिए ट्रस्ट का गठन अनिवार्य
स्मारक का निर्माण सीपीडब्लूडी की ओर से किया जाता है लेकिन इस पूरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी भूमि और विकास विभाग की है, जिस पर पूरी दिल्ली में केंद्र सरकार की संपत्तियों का दायित्व है. इसके लिए एक ट्रस्ट का गठन आवश्यक है. निर्माण संबंधी खर्चों का भुगतान इसी ट्रस्ट के जरिये किया जाता है. जब तक ट्रस्ट नहीं बनता तब तक इस मामले में आगे नहीं बढ़ा जा सकता.