Jaipur: मामले के अनुसार पीड़िता ने 27 अप्रैल 2016 को संजय सर्किल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि उसका ससुराल वालों से मतभेद चल रहा है. वहीं, सुखदेव सिंह मदद के बहाने उसे सितंबर 2014 में हनुमानगढ़ से जयपुर ले आया. यहां सुखदेव सिंह ने मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी और दुष्कर्म किया. वहीं, पीड़िता को वैशाली नगर के एक पीजी में रखा गया और विक्रम सिंह, श्योपाल सहित अन्य लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया. जनवरी 2018 में हाईकोर्ट ने मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने से भी इनकार कर दिया. 


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मामले में जांच के बाद पुलिस ने सभी को आरोपी मानते हुए अदालत में आरोप पत्र पेश कर दिया. वहीं ट्रायल के दौरान पीड़िता अपने बयानों से मुकर गई और एक महिला पत्रकार के बहकावे में आकर पूर्व में बयान देने की बात कही. इस पर अदालत ने गोगामेडी सहित आरोपी बनाए गए हुकुम सिंह, धर्मा, चेन सिंह, मनोज, सुरेन्द्र सिंह, श्योपाल, विक्रम सिंह, प्रद्युम्न शास्त्री, बहादुर सिंह और आरके चौपडा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.


Reporter- Mahesh Pareek


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