Rajasthan: 37 हजार से अधिक स्कूल संचालक RTE पैसे के इंतजार में, रामलाल शर्मा बोले- पैसा दें गहलोत सरकार, विसंगितयों को करें दूर
रामलाल शर्मा ने बयान जारी कर कहा कि राज्य में सरकार आरटीई का पैसा समय से रिलीज नहीं कर रही है. इससे स्कूलों गरीब बच्चों के प्रवेश को लेकर विवाद मचा हुआ है. राजस्थान के 37 हज़ार से अधिक स्कूल संचालक आज भी पिछले एक वर्ष से बकाया आरटीई के पैसे का इंतज़ार कर रहे हैं.
RTE money, Jaipur News: भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा ने राज्य सरकार पर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है. रामलाल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा केंद्र की पोषित योजनाओं का पैसा राज्य सरकार को निर्धारित समय सीमा में भेजा जाता है, लेकिन राज्य सरकार के अफसरों की लापरवाही से बजट अटक जाता है.
रामलाल शर्मा ने बयान जारी कर कहा कि राज्य में सरकार आरटीई का पैसा समय से रिलीज नहीं कर रही है. इससे स्कूलों गरीब बच्चों के प्रवेश को लेकर विवाद मचा हुआ है. राजस्थान के 37 हज़ार से अधिक स्कूल संचालक आज भी पिछले एक वर्ष से बकाया आरटीई के पैसे का इंतज़ार कर रहे हैं. राजस्थान सरकार ने स्कूल संचालकों के खातों में आरटीई का पैसा भी डालने का काम नहीं किया है और आरटीई में कई विसंगतियां भी देखने को मिल रही है.
प्रदेश के 37 हज़ार स्कूल संचालक ज्ञापन देकर, प्रदर्शन करके सरकार का ध्यान आकर्षित कर चुके हैं और राज्य सरकार के कई मंत्रियों से भी मुलाक़ात कर चुके हैं. उसके बावजूद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया. भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि इन 37 हजार स्कूल संचालकों के परिवारों का ध्यान रखते हुए इनकी मांगो पर अविलंब विचार करना चाहिए और तत्काल उनकी समस्याओं का समाधान करके बकाया आरटीई का पैसा सरकार को रिलीज़ करना चाहिए.
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दरअसल में केंद्र सरकार की ओर से जारी बजट में राज्य सरकार को अपना हिस्सा मिलाना होता है. इधर केंद्र से मिलने वाले बजट में से कितना खर्च हुआ कितना बाकी है. इसके लिए राज्य के विभागों की ओर से उपलब्धता प्रमाण पत्र देना होता है. इसके बाद केंद्र सरकार अगली राशि रिलीज करता है.
इधर, आईटीई मामले में राजस्थान सरकार के अधिकारियों की लापरवाही के कारण यूसीसी समय पर नहीं जाने की वजह से कई बार सरकार का पैसा विलंब से आता है, लेकिन निर्धारित समय सीमा में पैसा भेजने के बाद भी राज्य सरकार ने नहीं दिया. यही कारण है कि स्कूल संचालक इसका इंतजार कर रहे हैं.