Jaipur: राजस्थान में ERCP यानि ईस्टन राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर हो रही सियासत तो आपने खूब देख ली,लेकिन क्या आप जानते है कि पानी से जुडा यह प्रोजेक्ट कब पूरा होगा. बिना केंद्र सरकार के मदद के क्या ERCP का सपना राजस्थान में पूरा हो पाएगा.


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सिंचाई के लिए भी मिल सकेगा पानी
राजस्थान में यदि ERCP प्रोजेक्ट पूरा हो जाए तो 13 जिलों में पानी की समस्या 2051 तक खत्म हो जाएगी, क्योंकि इससे 1723 मिलियन घन मीटर पेयजल आ पाएगा. इसके अलावा 2 लाख हैक्टेयर नए क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से सिंचाई शुरू हो पाएगी. इसके साथ साथ उघोगो और मुंबई औघोगिक गलियारा के उपयोग के लिए 266 घन मीटर पानी उपलब्ध हो सकेगा. इसके प्रोजेक्ट के जरिए 6 बैराज और 1 बांध बनाया जाएगा. जिसके अंतगर्त कुन्नू बैराज,रामगढ,महलपुर,नवनेरा,मेज,राठौड बैराज के साथ बनास नदी पर सवाईमाधोपुर में डूंगरी बांध बनाए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट से झालावाडा,बांरा,कोटा,बूंदी,सवाईमाधोपुर,अजमेर,टोंक,जयपुर,दौसा,करौली,अलवर,भरतपुर,धौलपुर को पानी पिलाया जाएगा.


37 हजार करोड़ रूपए खर्च होंगे
ईस्टन राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट में करीब 37 हजार 247 करोड खर्च किए जाएंगे, जिसमें से अब तक 1130 करोड रूपए खर्च किए जा चुके है. नवनेरा और ईसरदा बांध का काम शुरू हो चुका है. इस नहर की लंबाई 1268 किलोमीटर होगी.जिसमें ग्रेविटी फीडर की लंबाई 965 किलोमीटर,टनल की लंबाई 4.5 किलोमीटर,पंपिंग मैन की लंबाई 141 किलोमीटर,नेचुरल स्ट्रीम की लंबाई 157.5 किलोमीटर होगी.परियोजना में 15 जगहों पर पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे.


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तो 10 साल में पूरा हो सकता है प्रोजेक्ट
राजस्थान में यदि 4 हजार करोड सालाना खर्च हो तब जाकर ईस्टन राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट 10 साल में पूरा होगा. हालांकि राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट के 9600 करोड का बजट का प्रावधान किया गया है लेकिन हालांकि अभी तो सिर्फ काम ही शुरू हुआ है. ऐसे में अब सवाल यही है कि क्या केंद्र सरकार के बिना अनुमति के राजस्थान सरकार इस प्रोजेक्ट को पूरा कर पाएगी.


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