New Delhi : संसद सत्र के 10 दिनों में कोई कामकाज नहीं हुआ और सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया. हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गयी. मामले पर सांसद हनुमान बेनीवाल ने नाराजगी जताई और कहा कि सत्ता पक्ष सदन चलाना ही नहीं चाहता. बेनीवाल ने कहा कि अगर सदन चला तो महंगाई, बेरोजगारी, अग्निपथ, खाने-पीने की वस्तुओं पर GST जैसे मुद्दों पर चर्चा करवानी पड़ेगी और सरकार को जबाव देना पड़ेगा.


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बेनीवाल ने कहा कि सदन नहीं चलने का जितना दोषी विपक्ष है, उससे कहीं ज्यादा सरकार दोषी है. सदन चलाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है. ऑल पार्टी मीटिंग में सभी दलों ने जनता के मुद्दों पर शांतिपूर्ण चर्चा करवाकर सदन चलाने में सहयोग देने की बात कही थी. सांसद ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल कॉग्रेस को तो राहुल सोनिया गांधी से ED की पूछताछ मामले में बिजी कर रखा था. अन्य पार्टियों ने महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की कोशिश की तो 27 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया जो कि हिटलरशाही है.


बेनीवाल ने कहा कि देश की सर्वोच्च पंचायत में हमारी बात नहीं रख सकते तो कहां रखेंगे ? और ये हमारा अधिकार है. सरकार हमारे अधिकार कैसे छीन सकती है. देश में इमरजेंसी जैसे हालात बने हुए हैं. राष्ट्रपति के लिए अमर्यादित भाषा बोलने के मामले में बेनीवाल ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी ने गलती स्वीकार करके माफी मांग ली और क्या चाहिए. हनुमान बेनीवाल ने कहा कि उम्मीद करते है. सोमवार से सदन सुचारू चलेगा और शून्यकाल और 377 के तहत हम बेसिक मुद्दों पर चर्चा कर सकेंगे.


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