Jaipur: प्रदेश में आबकारी विभाग की पॉलिसी पर अब सरकार को समर्थन देने वाले सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा ने ही सवाल उठाने शुरू कर दिए है. राज्य में लिकर (शराब) की मॉडल शॉप खुलने के लिए विभाग की ओर से नियमों में किए गए बार-बार बदलाव पर विधायक संयम लोढ़ा ने आपत्ति जताते हुए, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने इन शॉप्स को व्यक्ति विशेष या संस्था को लाभ पहुंचाने वाला बताया है.


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जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग ने राज्य में कई जगहों पर सामान्य शराब के ठेकों के अलावा मॉडल शॉप्स खोलने का भी नियम इस साल लागू किया है. इसके लिए राजस्थान स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन (RSBCL) ने 25 मई को नियम-प्रावधान जारी किए, इसमें मॉडल शॉप्स केवल उन्हीं जगहों पर खोलने के निर्देश दिए थे, जो स्थानीय निकाय से अप्रूड मॉल या कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स हो लेकिन एक महीने बाद ही इसमें बदलाव करके स्थानीय निकाय से अप्रूड मॉल या कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स के स्थान पर स्थानीय निकाय, यूआईटी, विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान में अनुमत कॉमर्शियल रोड़ पर स्थित कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स अथवा मॉल में शॉप खोली जा सकेगी. 


इसी तरह इन मॉडल शॉप्स के लिए गारंटी राशि का भी प्रावधान नहीं है, इनके लिए केवल लाइसेंस ही लेना जरूरी है जबकि सामान्य दुकान या ठेका संचालकों के लिए वार्षिक गारंटी राशि का प्रावधान है. इससे सरकार के रेवेन्यू पर भी असर पड़ेगा, क्योंकि सरकार ने एक टारगेट के तहत रेवेन्यू जुटाने के लिए वार्षिक गारंटी राशि का नियम लागू किया है. आपको बता दें कि वार्षिक गारंटी राशि नियम के तहत सभी ठेकेदारों को अपनी निर्धारित गारंटी राशि के मुताबिक शराब बेचना अनिवार्य होता है, अगर गारंटी राशि के मुताबिक शराब की बिक्री नहीं होती तो उस ठेकेदार को उस गारंटी पर लगने वाले टैक्स के उतने ही पैसे राजकोष में जमा करवाने होते है. इस तरह बार बार नियमों में बदलाव करने के चलते विधायक संयम लोढ़ा ने खफा होकर सीएम को पत्र लिखा है. 


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