कोरोना की रफ्तार कम होते ही गिरी गाज, गहलोत सरकार ने एक साथ 28 हजार लोगों को नौकरी से निकाला
प्रदेश में कोरोना संक्रमण का असर कम होने के चलते सरकार ने संविदा पर लगे कर्मियों को हटाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में 1 अप्रैल से कोविड स्वास्थ्य सहायकों के पद को समाप्त कर दिया. इसके चलते प्रदेश में लगे 28 हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं.
जयपुर: प्रदेश में कोरोना संक्रमण का असर कम होने के चलते सरकार ने संविदा पर लगे कर्मियों को हटाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में 1 अप्रैल से कोविड स्वास्थ्य सहायकों के पद को समाप्त कर दिया. इसके चलते प्रदेश में लगे 28 हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं. शनिवार को दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में प्रदेश भर के कोविड स्वास्थ्य सहायक राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना प्रर्दशन किया. कोविड स्वास्थ्य सहायकों का कहना है, सभी ने अपनी जान पर खेलते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों की मदद करी. सरकार ने हमें नौकरी से निकाल दिया है.
उन्होंने कहा जब संक्रमित मरीज के परिजन उसकी देखभाल नहीं करते थे तब हम ऐसे लोगों का ध्यान रखते थे. घर-घर जाकर सर्वे करना संक्रमित मरीजों को दवाई देना सहित विभिन्न काम राज्य सरकार ने हमसे कराएं. इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि कई साथी ही तो ऐसे हैं जिन्हें पिछले कई माह का वेतन तक नहीं मिला है.
बिना नोटिस नौकरी से निकाली गई
गांव की पंचायत समिति का कहना है कि उनका वेतन स्वास्थ्य विभाग देगा और स्वास्थ्य विभाग कह रहा है गांव में लगे संविदा कर्मियों को वेतन ग्राम पंचायत देगी, जिसके चलते अभी तक उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा हम सभी लोगो को सरकार ने उन्हें कहीं का भी नहीं छोड़ा, सभी जने दूसरी जगह नौकरी करते हुए इस पद पर आए थे, लेकिन सरकार ने उन्हें बिना कोई नोटिस दिए पद समाप्त कर दिए. जिसके चलते उनके सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा राज्य सरकार सभी लोगों को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट कर सकती है। लेकिन नए वित्तीय वर्ष में पद समाप्त करें सभी को बेरोजगार कर दिया। उन्होंने कहा सरकार जब तक हम को वापस पद नहीं देती तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
रिपोर्टर- अनूप शर्मा