Jaipur news: ग्रामीण इलाकों में तेजी से पैर पसार रहा 'स्क्रब टाइफस. एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सु के काटने से फैल रहा स्क्रब टाइफस.अधिकतर किसानों और बागवानों को कर रहा संक्रमित. एसएमएस अस्पताल में जनवरी से अब तक आए 700 केस. टोंक ,दौसा ,करौली,अलवर जिलो से आ रहे मरीज़ . 


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रहस्‍यमयी बुखार
 हिमाचल प्रदेश और उत्‍तराखंड के बाद अब उत्‍तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान समेत कई राज्‍यों में इन दिनों एक रहस्‍यमयी बुखार के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हर दिन दर्जनों नए मामले सामने आ रहे हैं. दरअसल, इस बुखार को रहस्‍यमयी इसलिए माना जा रहा है, क्‍योंकि इसके लक्षण तो डेंगू फीवर से मिलते-जुलते हैं, लेकिन जांच में ना तो डेंगू निकलता है और ना ही टायफाइड फीवर.



किसान और बागवान शिकार 
अब डॉक्‍टरों का कहना है कि ये स्‍क्रब टाइफस फीवर है. इसे बुश टाइफस भी कहते हैं. ये बीमारी बैक्‍टीरिया से संक्रमित पिस्‍सु के काटने पर फैलती है. इसके बाद स्‍क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. शुरुआत में किसान और बागवान इस बीमारी का शिकार हुए, लेकिन अब ये सभी में फैल रहा है. स्‍क्रब टाइफस बुखार से काफी लोगों की जान भी जा चुकी है. स्‍क्रब टाइफस के मामलों में मृत्‍यु दर 6 फीसदी बताई जा रही है. 


जंगली क्षेत्रों और ग्रामिण इलाकों में दिखा असर 
डॉक्‍टरों का कहना है कि स्क्रब टाइफस चिगर्स के काटने से फैलने वाली एक खतरनाक बीमारी है. शुरुआती समय में यह बीमारी सिर्फ हिमाचल प्रदेश और उत्‍तराखंड में थी, लेकिन अब इस बीमारी का प्रभाव राजस्थान समेत देश के अलग- अलग हिस्सों में फैल गया है. और यह बीमारी बहोत तेजी से अपना पैर पूरे देश में पसार रहा है. स्क्रब टाइफस के केस ज्यादातर जंगली क्षेत्रों और ग्रामिण इलाकों में देखे जा रहें हैं. 


डॉक्‍टरों का कहना है कि स्क्रब टाइफस से मृत्युदर 30-35 फीसदी के बीच हो सकती है. इस बीमारी में शुरुआत में फ्लू जैसे ही लक्षण होते हैं. 


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